B'day: अमिताभ यूं ही नहीं बने बॉलीवुड के शहंशाह, शोहरत की बुलंदी के साथ देखे कई उतार-चढ़ाव
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन, एक ऐसा नाम, जो बॉलीवुड का शहंशाह है, ये नाम उन्हें ऐसे ही नहीं मिला, बल्कि ये उनकी 77 साल की कड़ी तपस्या है, जिसे अमिताभ ने पूरा करने में अपने आप को झोंक दिया। 10 अक्टूबर को बिग बी 77 साल के हो गए, उम्र का एक और पड़ाव उन्होंने पार कर लिया है। अमिताभ बच्चन मुकद्दर के वो सिकंदर हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी में सफलता, असफलता दोनों देखी, मगर सफलता का कभी गुमान नहीं किया, वो उनकी जिंदादिली में नजर आता है और असफलता से कभी हार नहीं मानी, आकाशवाणी में मिले रिजेक्शन से लेकर उनके 75% खराब हो चुके लीवर तक ऐसे कई उदाहरण हैं।
अमिताभ बच्चन के संघर्ष और सफलता की कहानी जितनी आश्चर्यजनक है, उतनी ही रोमांचक, उतनी ही अविश्वसनीय और सम्मोहक भी है। शोहरत की बुलंदी और जिंदगी के उतार-चढ़ावों के देखकर हमें बिग बी 77वें जन्मदिन पर उनके पिता हरिवंशराय बच्चन की कविता "तू रुकेगा कभी तू ना झुकेगा कभी" की याद आती है, जो उन पर इस समय बेहद सटीक बैठती है। अमिताभ अब तक के सफर में आज जिस वो मुकाम पर पहुंचे है, वो अमिताभ होने के सही मायनों को दर्शाते हैं।
चाहे एक्टिंग हो, सिंगिंग हो, फिल्मों में राइटिंग का बात हो, शो होस्टिंग, हर जगह बिग बी की एनर्जी काबिल-ए-तारीफ रही। यही कारण है कि दुनिया आज भी उनकी इसी कदर दीवानी है कि कई फैंस तो उन्हें अपने भगवान ही मानते हैं। उम्र के इस पड़ाव में आकर भी वो फुल ऑफ एनर्जेटिक तो ही हैं, साथ ही वो एवरग्रीन वर्सटाइल एक्टर, इसलिए तो हम भी यही कहेंगे कि तू रुकेगा कभी तू ना झुकेगा कभी अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ।
कभी न हारने का माद्दा रखने वाले अमिताभ ने खुद के पैरो पर दोबारा खड़े होने के लिए छोटे परदे पर भी काम करने से गुरेज नही किया। वो भी उस समय जब इस स्टार को देखने के लिए सिनेमा घरों में भीड़ लगती थी, छोटे परदे पर बड़े स्टार का काम करना अच्छा नहीं माना जाता था, लेकिन अमिताभ ने छोटे परदे पर भी बखूबी काम किया। अमिताभ को 'मोहब्बतें' मिलने के बाद ही अमिताभ को केबीसी की होस्टिंग का ऑफर मिला था, जिसे उन्होंने एक्सेप्ट किया, और अपनी नई पारी की शुरुआत की, और फिर साबित किया की अमिताभ हारने वालों में से नहीं है। आज बिगबी केबीसी का 11वां सीजन होस्ट कर रहे हैं।
फिल्मी दुनिया में अमिताभ का सफर फिर भी खूबसूरत रहा, लेकिन असल जिंदगी में बिग बी का जीवन उतरा-चढ़ावों के बीच आज इस मुकाम तक पहुंचा है। एबीसीएल, जो अमिताभ की सबसे बड़ी गलती में शुमार हुई। इस मैनेजमेंट कंपनी ने अमिताभ को ऐसा झटका दिया, जिससे उबरने के लिए अमिताभ ने एड़ी चोटी का बल लगा दिया। अमिताभ इस कंपनी के बन्द होने के कारण टूटे, गिरे, लेकिन फिर खड़े हुए, और खुद को साबित किया।
बिजनेस में हाथ आजमाने के लिए 1995 में अमिताभ ने 'अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड' मीन्स ABCL की शुरुआत की, लेकिन बहुत जल्दी बहुत ज्यादा हासिल करने की उनकी तमन्ना ने उनकी कंपनी को बिखेर कर रख दिया। कंपनी दिवालिया हो गई। ये दौर अमिताभ का सबसे बुरा दौर था। एबीसीएल के फ्लॉप होने के बाद अमिताभ बच्चन के मुंबई वाले घर और दिल्ली वाली जमीन के जब्त होने और नीलाम होने की नौबत आ गई थी। एक इंटरव्यू में अमिताभ ने खुद बताया था कि 'मैं ये सब बंद नहीं करना चाहता था। बहुत सारे लोगों का इसमें पैसा लगा हुआ था और लोगों को इस कंपनी में भरोसा था। और ये सब मेरे नाम की वजह से था। मैं उन लोगों के साथ धोखा नहीं कर सकता था जो लोग मुझ पर भरोसा कर रहे थे। उन दिनों मेरे सिर पर हमेशा तलवार लटकती रहती थी। मैनें कई रातें बिना सोए गुजारी हैं। इसके बाद मैं एक दिन खुद ही सुबह-सुबह यश चोपड़ा के पास गया और मैंने उनसे कहा कि मैं दीवालिया हो गया हूं, मुझे काम चाहिए। मेरे पास कोई फिल्म नहीं है। यशजी ने मेरी बात को बहुत ही ध्यान से सुना और उसके बाद मुझे 'मोहब्बतें'(2000) ऑफर की।
एबीसीएल ने अमिताभ तो बुरी तरह से झकझोर दिया था लेकिन अमिताभ ने हार नहीं मानी, वो फाइटर की तरह लड़ते रहे और उनका पूरा ध्यान फिर से एक्टिंग और फिल्मों में लगा दिया ।' 'मोहब्बतें' के बाद फिर एक बार अमिताभ उठ कर खड़े हुए, और खुद को साबित भी किया। फिल्म सफल रही, और अमिताभ की रुठी किस्मत फिर उनके हक में थी। बिग बी के सिर से 90 करोड़ रुपए का कर्ज उतर गया और वो नई शुरुआत करने में कामयाब रहे।
एक के बाद एक हेल्थ प्रॉबल्म्स का सामना करना किसी के लिए भी आसान नहीं होता। बिग बी के लिए भी नहीं था, मगर उनका पैशन और फैंस की दुआएं ही थीं कि वह आगे बढ़ते गए। ये सिलसिला शुरू हुआ था सन् 1982 में फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान। फिल्म के एक सीन में पुनीत इस्सर का मारा घूंसा अमिताभ को असलियत में लग गया था और वो जिंदगी मौत की जंग के बीच फंस गए, स्थिति ऐसी थी कि डॉक्टरों ने उन्हें क्लीनिकली डेड घोषित कर दिया गया था। यहां भी अमिताभ नहीं हारे, वो मौत के मुंह से बहार निकल आए। अमिताभ ने जिंदगी की ये जंग जीत ली। लोगों की दुआएं रंग लाईं और बिग बी फिर अपनी सिनेमाई दुनिया में लौटे। 75 प्रतिशत लीवर खराब होने के बाद भी वो सिर्फ 25 प्रतिशत लीवर पर जिंदा हैं, और आज भी काम कर रहे हैं।
अमिताभ ने एंग्रीमैन अवतार में गुस्सा किया, कॉमेडी भी की, तो इस बीच भला मोहब्बत को कैसे अमिताभ ओवरलैप कर सकते थे। अमिताभ ने अपनी इमेज को मोहब्बत के रंग में भी घोला। रोमांटिक छवि में भी उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी। अमिताभ के रोमांटिक गानों ने तो उस दौर में धमाल मचा दिया था। खासकर रेखा के साथ उनकी रोमांटिक फिल्में बहुत पसंद की गई।
ऑनस्क्रीन रोमांटिक केमिस्ट्री के बीच कई हसीनाओं के साथ बिग बी का नाम जुड़ा, लेकिन वक्त के साथ ये कहानी भी धुंधली हो गईं, और वक्त ही था जो खुद बदलते बदलते शहंशाह को भी बदल गया, और बदले गए शहंशाह मिजाज भी।अमिताभ की सुपरहिट फिल्मों की लिस्ट बहुत लंबी है। मोहब्बतें, बागबान, ब्लैक, वक्त, सरकार, चीनी कम, भूतनाथ, पा, सत्याग्रह, शमिताभ आनंद, जंजीर, अभिमान, सौदागर, चुपके चुपके, दीवार, शोले, कभी कभी, अमर अकबर एंथनी, त्रिशूल, डॉन, मुकद्दर का सिकंदर, मि. नटवरलाल, लावारिस, सिलसिला, कालिया, सत्ते पे सत्ता, नमक हलाल, शक्ति, कुली, शराबी, मर्द, शहंशाह, अग्निपथ, खुदा गवाह जैसी फिल्में उनके नाम हैं।
ऐसा नहीं था कि अमिताभ अपनी इसी इमेज के बंधे रहे। वो एंग्री यंगमैन से कॉमेडी के सांचे में ढलें, और ऐसा ढले कि जितनी उन्हें एंग्री रूप में वाहवाही मिली, उतनी ही अच्छी कॉमेडी में भी। उन्होंने कई ऐसी कॉमेडी फिल्म्स कीं, जो आज भी दर्शकों को लोटपोट कर हंसने के लिए मजबूर कर देती हैं। कॉमेडी फिल्मों से ज्यादा उनके डायलॉग्स की चर्चा होती है। फिल्म 'नमकहलाल' में आई कैन टॉक इंग्लिश डायलॉग में अमिताभ के कॉमिक अंदाज को काफी पसंद किया गया, इसके बाद अमिताभ की एंग्री यंग मैन वाली इमेज बदली कॉमेडी वाले अंदाज में।
रील और रियल लाइफ में बुलंदियों को झूने वाले अमिताभ भूतनाथ और पा जैसी फिल्मों से बच्चों की पसंद हैं। पीकू और चीन कम जैसी फिल्मों से वो युवाओं को भाते हैं।बागवान में उन्हें देखकर बुजुर्गों को अपनापन महसूस होता है। अमिताभ ने एंग्री यंग मैन अवतार को परदे पर बखूबी दिखाया है । फिल्म जंजीर में उनका डायलॉग और उनका एंग्री लुक अमिताभ की पहचान बन गया। वो जो भी फिल्में करते उनके अंदाज को देखने के लिए पब्लिक बेसब्री से उनका इंतजार करती। एक से बाद एक लगातार अमिताभ ने एंग्री मैन अवतार के लिए जंजीर, कालिया, दीवार, लावारिश और शहंशाह जैसी फिल्में की।
आज भी सेट पर पहुंचने पर अमिताब बच्चन के के चेहरे पर किसी नए कलाकार की तरह की उत्सुकता, डर और किरदार को समझने की बैचेनी होती है। अमिताभ बच्चन के पास सबकुछ है, बावजूद इसके उन्होंने खुद पर कामयाबी का नशा हावी नहीं होने दिया। विनम्रता नहीं छोड़ी, संघर्ष का रास्ता त्यागा नहीं, और आज भी वो जीवन के उस अग्निपथ पर लगातार चलते चले जा रहे है, जिस पर चलना हर किसी के वश की बात नहीं।
अमिताभ को अपने करियर की शुरुआत में भी काफी कुछ सहा पड़ा। 'सात हिंदुस्तानी' से करियर की शुरुआत करने वाले अमिताभ ने शुरूआती दौर में लगातार बारह फ्लॉप फिल्में दी, जिसके कारण कोई उन्हें फिल्म में लेना नहीं चाहता था। यहां तक की उन्हें कुछ फिल्मों से तो सिर्फ उनके लंबे कद की वजह से हाथ धोना पड़ा। शुरुआत में उनकी अवाज को लेकर भी मजाक उड़ाया गया, मगर अमिताभ ने हार नहीं मानी। लम्बे कद और बुलंद आवाज के साथ ही अमिताभ ने एंग्री यंग मैन अवतार को ही अपनी पहचान बना ली। देखते ही देखते बॉलीवुड को एक सुपरस्टार मिल चुका था, इसके बाद उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
रूपहले पर्दे पर अमिताभ की रौबीली आवाज चार दशकों से ज्यादा समय से राज कर रही है। ना तो बॉलीवुड में अब तक इनकी शख्सियत का कोई विकल्प है और ना ही आने वाले समय में होगा। आज भी वो जहां खड़े हो जाते हैं, वहीं से लाइन शुरु होती है। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन 77 साल को हो चुके है उन्हें देखकर ये यकीन करना मुश्किल है। पर्दे पर सक्रिय, स्वच्छता अभियान जैसे सामाजिक कामों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना, सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा प्रशंसकों की संख्या, पद्मविभूषण, पद्मश्री, कई सारे नेशनल अवॉर्ड और आज भी उनके के लिए फैंस के लगातार बढ़ते प्यार को देखता ऐसा लगता है मानों जिंदगी अमिताभ को रूकने, कुछ थमकर सुस्ताने की इजाजत नहीं देती, उनके जीवन में है, तो सिर्फ है काम ही काम। यही वजह है कि अमिताभ अपने समकालीन अभिनेताओं को मीलों पीछे छोड़कर एक ऐसे रास्ते पर चल रहे है, जिसका कोई अंत नही।
अमिताभ बच्चन के लिए चार दशकों से भी ज्यादा समय तक करोड़ों दिलों पर राज करना इतना आसान नहीं। किसी इंसान के खाते में जब कामयाबी आती है, तो वो उसके सिर चढ़कर बोलती है। मगर 77 साल के अमिताभ नाम की हस्ती ऐसी है जो जीवन में आने वाली तकलीफों से टूटती नहीं, रूकती नहीं, और ना ही कभी झुकती है, बस लड़ती है।
Created On :   10 Oct 2019 5:16 AM GMT