अतरंगी रे डिज्नी-हॉट स्टार पर स्ट्रीमिंग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अतरंगी रे, दिलचस्प कहानी आपको बांध कर रखती है (आईएएनएस रेटिंग:तीन स्टार)
निर्देशक: आनंद एल राय, कलाकार : अक्षय कुमार, धनुष, सारा अली खान,सीमा बिश्वास, आशीष वर्मा और डिम्पल हयाती।
यह एक हल्की फुल्की रोमांस कामेडी है और यह आपको एक अलग प्रेम कहानी दिखाने का वादा करती है लेकिन यह अन्य फिल्मों की तरह ही लगती है और कोई खास अलग कहानी नहीं है।
इस फिल्म में बिहार की एक लड़की रिंकू( सारा अली खान )है जो बिहार की है और अनाथ है तथा उसे एक अपह्त डाक्टर एस विश्वनाथ से शादी करने को मजबूर किया जाता है जो तमिल है और चेन्नई से संबंध रखते हैं।
इसी प्रेम कहानी में विशु की गर्ल फ्रें ड मंदाकिनी, अका मांडी(डिंपल हयाती ) है जो उसके डीन की बेटी है और उसकी शादी अगले कुछ दिनों में विशु से होने वाली है। इसी प्रेम कहानी में एक और किरदार जादूगर सज्जाद अली खान (अक्षय कुमार ) हैं जिसके प्रेम में रिंकू पागल है।
यह कहानी आपको एक दिलचस्प रास्ते पर ले जाती है और आप कलपना करने लगते हैं कि आगे क्या होगा और यही आपको बांधे रखता है। लेकिन अंत में आप महसूस करते हैं कि कहानी तो दिलचस्प है मगर इसका वर्णन बहुत ही उथले रूप में किया गया है तो कईं बार आपको हताश भी कर सकता है।
यह फिल्म रिंकू की शैतानियों के साथ शुरू होती है जो घर से भाग जाती है और फिल्म के पहले हाफ में आप नोटिस करेंगे कि इसके प्रत्येक फ्रेम को ऐसे जोड़ा गया है जिस पर किसी का नियंत्रण नहीं प्रतीत होता है।
स्क्रीन पर आपको हर कोई भागता दिखाई पड़ता है और इन लंबे शॉट्स को बेहतर कुशलता के साथ फिल्माया गया है और वे द्वश्यों में नाटकीय घटना पेश करते हैं।
रिंकू के रूप में सारा अली खान एक बेहद देहाती और उधम मचाने वाली लड़की के रूप में दिखाई गई है लेकिन उसने बेहतर अदाकारी की है लेकिन जब वह एक सीन में सज्जाद के साथ अंग्रेजी मे बात करती है तो आप समझ सकते हैं कि उसकी भूमिका के साथ न्याय नहीं किया गया है।
डिम्पल हयाती भी एक अच्छी एकट्रेस हैं लेकिन उनका स्क्रीन समय बहुत कम अवधि वाला है। धनुष भी बेहतर अदाकारी करते नजर आए हैं और कईं बार आपको लगता है कि उनका रोल बदला हुआ सा है।
काफी समय बाद अक्षय तरोताजा और युवा दिखे हैं और वह अपनी अदाकारी की अलग मिसाल पेश करते है तथा सारा और धनुष पर हावी प्रतीत नहीं होते हैं। रिंकू की दादी के रूप में सीमा बिश्वास एक निरंकुश दादी के तौर पर जमी हैं और विशु के दोस्त के तौर पर आशीष वर्मा तथा अन्य कलाकारों का रोल अच्छा है।
कुल मिलाकर यह फिल्म प्रेम और दिल की भाषा बोलती है लेकिन जब विशु तमिल भाषा में संवाद बोलते हैं तो उनके हिंदी या अंग्रेजी सबटाइटिल का नहीं होना दर्शकों को कुछ खोने पर मजबूर करता है।
(आईएएनएस समीक्षा)
Created On :   24 Dec 2021 10:00 PM IST