अजब गजब: जिस सुई में धागा तक नहीं जाता, वहां एक आदमी ने बना डाली पूरी मूर्ती, माइक्रोस्कोप की मदद से दिखाई, तो सब हो गए हैरान

जिस सुई में धागा तक नहीं जाता, वहां एक आदमी ने बना डाली पूरी मूर्ती, माइक्रोस्कोप की मदद से दिखाई, तो सब हो गए हैरान
  • सुई के छेद में बनाई मूर्ती
  • क्राइस्ट द रिडीमर की बना डाली मूर्ती
  • दो महीने के समय में बनाई मूर्ती

डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में कई सारे कलाकार मौजूद हैं। ऐसे ही एक कलाकार की कलाकारी काफी ज्यादा प्रशंसा हो रही है। बात कर रहे हैं, अजय कुमार मत्तेवाड़ा की, जिन्होंने अपनी कलाकरी से सभी को अचंभित कर दिया है। उन्होंने ब्राजील के रियो जी जनेरियो में स्थित दुनिया के सात अजूबों में से एक 'क्राइस्ट द रिडीमर' की एक बहुत ही सुंदर और आश्चर्यजनक सूक्ष्म मूर्ती बनाई है। इस कलाकार ने अपनी कलाकारी से पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। बता दें, हैरान करने वाली मूर्ती नहीं बल्कि उसको बनाए जाने वाली जगह है।

कहां बनाई गई है मूर्ती?

क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा करीब 98 फीट ऊंची है। इतनी ऊंची प्रतिमा को मूर्तीकार अजय कुमार ने सुई की आंख पर बनाया गया है। जिसकी लंबाई केवल 1.1 मिमी है। इसे सुई की आंख के अंदर तैयार किया गया है। सुई की आंख, जिससे धागा डाला जाता है। अपने छोटे साइज के बावजूद, मूर्तिकला में छोटी से छोटी डीटेल्स नजर आ रही थी। छोटी सी जगह पर बनी इस मूर्ती में क्राइस्ट की उंग्लियों की बनावट, कपड़ों और स्किन की सिलवट तक नजर आ रही थी। जिसको देखकर सभी लोग हैरान थे।

कितने समय में बनी मूर्ती?

अजय कुमार ने इंटरव्यू देते समय उन्होंने इस मूर्ती के बारें में कई सारी चीजें बताई थीं। जैसे कि इसको बनाने में पहले से तैयार मोम, प्लास्टिक पाउडर और कैटरपिलर बालों का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा उन्होंने बारीक डीटेल्स के लिए सिल्कवॉर्म के बालों का इस्तेमाल किया था। ये इतने नाजुक होते हैं कि, सिर्फ सांस लेने से ही मुड़ जाते हैं। इस मूर्ती को बनाने में उनको लगभग दो से ढाई महीने तक का समय लगा था। जिसको सिर्फ और सिर्फ माइक्रोस्कोप की मदद से देखा जा सकता है।

Created On :   27 Dec 2024 9:15 PM IST

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