सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार में दिखी खुशी की झलक, अब सरकार खुद कर ले सकेगी अधिकारियों पर यह फैसला

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार में दिखी खुशी की झलक, अब सरकार खुद कर ले सकेगी अधिकारियों पर यह फैसला
दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तनातनी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार और एलजी के बीच चल रही अधिकारों की लड़ाई में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। जिसमें पीठ ने दिल्ली सरकार को अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिया है। इससे पहले दिल्ली सरकार को ट्रांसफर के लिए एलजी से परमिशन लेनी पड़ती थी। हालांकि जमीन, पुलिस और पब्लिक आर्डर का अधिकार आज भी एलजी के पास ही हैं। इसमें दिल्ली सरकार पहले की तरह कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।

दिल्ली सरकार अब अपने हिसाब से किसी भी अधिकारी को तैनात कर सकती है और जिसे चाहे उसका तबादला कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के पहले सरकार को उप राज्यपाल की बात माननी पड़ती थी। लेकिन अब उप राज्यपाल को सरकार की सलाह माननी होगी। दिल्ली सरकार अब जमीन, पुलिस और पब्लिक आर्डर को छोड़कर विधानसभा में कोई भी नया कानून बना सकेगी। लेकिन सरकार Government of National Capital Territory (GNCT) Delhi Act 1991 अधिनियम के तहत और संसद के अनुरूप ही नए कानून बना सकती है। कह सकते हैं कि दिल्ली सरकार उन मुद्दों पर कानून बना सकती है। जिन मामलों में केंद्र सरकार का कानून नहीं है।

क्या है केंद्र सरकार के पास विकल्प

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लोग केंद्र सरकार के लिए एक झटके की नजर से देख रहे हैं। केंद्र सरकार इस फैसले को लेकर समीक्षा याचिका दाखिल कर सकती है। या इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेज सकती है। अगर इसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाती है तो केंद्र सरकार क्यूरेटिव याचिका भी दाखिल कर सकती है। अगर फिर भी केंद्र के पक्ष में फैसला नहीं आता है तो केंद्र सरकार के पास संसद में कानून लाकर इसे बदलने का विकल्प है। हालांकि, इस कानून को फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।

Created On :   11 May 2023 8:27 PM IST

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