Tokyo Olympics 2020: ब्रॉन्ज मेडल के साथ स्वेदश लौटेंगे बजरंग पूनिया

Tokyo Olympic 2020: Bajrang Punia win Bronze medal
Tokyo Olympics 2020: ब्रॉन्ज मेडल के साथ स्वेदश लौटेंगे बजरंग पूनिया
Tokyo Olympics 2020: ब्रॉन्ज मेडल के साथ स्वेदश लौटेंगे बजरंग पूनिया
हाईलाइट
  • शादी में लिए थे आठ फेरे
  • टोक्यो ओलंपिक में दूसरे पहलवान ने जीता पदक
  • विरासत में मिली हैं कुश्ती

डिजिटल डेस्क, टोक्यो। ओलंपिक खेलों में बजरंग पूनिया ने भारत की झोली में एक और ब्रॉन्ज मेडल डाल दिया है। भारतीय पहलवान ने 65 कि.ग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में ब्रॉन्ज के लिए खेले गए मुकाबले में कजाखस्तान के दौलेत नियाजबेकोव को एकतरफा मुकाबले में हराकर भारत को टोक्यो ओलंपिक में छठा मेडल दिलाया। इससे पहले बजरंग को अपने सेमीफाइनल मैच में तीन बार के विश्व चैंपियन हाजी अलीएव के हाथों 5-12 से हार का सामना करना पड़ा था। बजरंग ने कुश्ती में भारत को दूसरा मेडल दिलाया है, उनसे पहले रवि दहिया ने फाइनल तक का सफर तय करते हुए सिल्वर मेडल जीता था। 

विरासत में मिली हैं कुश्ती

बजरंग पुनिया का जन्म 26 फरवरी 1994 को झज्जर जिले के खुड्डन गांव में हुआ था। बजरंग को कुश्ती विरासत में मिली हैं क्योंकि इनके पिता भी पहलवान रह चुके हैं। पिता के सहयोग से बजरंग ने महज सात साल की उम्र में कुश्ती शुरू कर दी थी। बजरंग के सपने को साकार करने के लिए उनके पिता बस का किराया बचाकर साइकिल से अपने काम पर जाते थे। साल 2015 में बजरंग का परिवार सोनीपत में शिफ्ट हो गया था, ताकि वह भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के सेंटर में ट्रेनिंग कर सकें।

 उन्होंने 2013 में दिल्ली में हुए एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद में बजरंग ने बुडापेस्ट में हुई विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के 60 किलो भारवर्ग वर्ग में कांस्य पदक जीता। फिर बजरंग ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2014 के राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में सिल्वर अपने नाम किया। उसी साल बजरंग एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में भी रजत पदक जीतने में कामयाब रहे थे।

 शादी में लिए थे आठ फेरे

बजरंग पुनिया पिछले साल नवंबर में संगीता फोगाट के साथ शादी के बंधन में बंधे थे। संगीता द्रोणाचार्य अवॉर्डी महावीर फोगाट की की बेटी हैं। संगीता भी अपनी सगी बहनें गीता, बबीता और रितु फोगाट की तरह रेसलिंग के दांव-पेच आजमा चुकी हैं। दिलचस्प  बात यह थी कि बजरंग पुनिया ने संगीता के साथ सात नहीं, बल्कि आठ फेरे लिए थे।आठवां फेरा "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" के नाम पर था। 
 

Created On :   7 Aug 2021 6:25 PM IST

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