भारतीय हॉकी में नया कीर्तिमान: कप्तान हरमनप्रीत ने रचा इतिहास, अंतरराष्ट्रीय खेलों में 200 गोल दागने वाले बने तीसरे भारतीय

कप्तान हरमनप्रीत ने रचा इतिहास, अंतरराष्ट्रीय खेलों में 200 गोल दागने वाले बने तीसरे भारतीय
  • भारतीय हॉकी टीम के कप्तान ने इंटरनेशनल खेलों में दागे 200 गोल
  • ऐसा कारनामा करने वाले बने तीसरे भारतीय खिलाड़ी
  • इससे पहले पूर्व कप्तान ध्यानचंद और बलबीर सिंह दोसांझ के नाम यह रिकॉर्ड

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में गुरुवार 12 सितंबर को दक्षिण कोरिया के खिलाफ अपने चौथे मुकाबले में 3-1 से जीत दर्ज की है। इसी के साथ टीम इंडिया ने सेमीफाइनल मुकाबले के लिए क्वालिफाई कर लिया है। भारत अब 14 सितंबर को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से मुकाबले के लिए मैदान में उतरेगी। खास बात यह कि इस मुकाबले के 9वें और 43वें मिनट पर दो गोल दाग कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने अपने इंटरनेशनल हॉकी के करियर में 200 गोल पूरे किए हैं। ऐसा करने वाले वह तीसरे भारतीय बन चुके हैं। इससे पहले भारत के भूतपूर्व खिलाड़ी और कप्तान मेजर ध्यानचंद और बलबीर सिंह दोसांझ ने यह कारनाम किया है।

हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को अमृतसर के जंडियाला गुरु कस्बे के पास तिम्मोवाल गांव में एक सिख किसान परिवार में हुआ था। वह भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हैं जो डिफेंडर के रूप में खेलते हैं। सिंह ने महज 10 साल की उम्र से ही हॉकी खेलना शुरू कर दिया था। बचपन के शुरुआती दिनों में उन्हें हारमोनियम बजाने का काफी शौक था और संगीत में भी उनकी रुचि थी, लेकिन जब वह 15 साल के थे तो हॉकी में फॉरवर्ड खिलाड़ी बनने की उम्मीद के साथ उन्होंने सुरजीत सिंह हॉकी अकादमी में दाखिला ले लिया था।

हरमनप्रीत का निजी जीवन

पेनल्टी कॉर्नर के एक्सपर्ट हरमनप्रीत सिंह के करियर की ओर नजर डाले तो उन्होंने साल 2014 में सुल्तान जोहोर कप से इंडियन मेंस नेशनल अंडर-21 फिल्ड हॉकी टीम में डेब्यू किया था। उस टूर्नामेंट में उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया था। सिंह साल 2015 के पुरुष हॉकी जूनियर एशिया कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। इसमें उन्होंन कुल 14 गोल दागे थे। इसी के साथ वह टूर्नामेंट के सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए थे। हरमनप्रीत के लगातार शानदार प्रदर्शन के बदौलत उन्हें 2016 पुरुष हॉकी जूनियर विश्व कप टीम का हिस्सा बनने का मौका मिला।

हरमनप्रीत का जूनियर करियर

भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने अपने इंटरनेशनल हॉकी करियर में दो बार (2016 और 2017) सुल्तान अजलान शाह कप में भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं। साल 2017 में उनके कमाल के गेम की वजह से पुरुष हॉकी एशिया कप के लिए चुना गया था। इस दौरान वह मलेशिया के फैजल सारी के साथ 7 गोल के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष स्कोरर रहे थे। सिंह ने 2020 टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया था। पूरे टूर्नामेंट में उनके कमाल के प्रदर्शन ने भारत को 41 वर्षों में अपना पहला ओलंपिक पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पेरिस ओलंपिक में सौंपी गई टीम की कमान

हरमनप्रीत सिंह ने 2021-22 प्रो लीग मैच में इंग्लैंड के खिलाफ अपना 100वा गोल किया था। 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने भारत को रजत पदक जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। इस साल हुए पेरिस ओलंपिक में उन्हें भारीतय पुरुष हॉकी टीम की कमान सौंपी गई। उन्होंने 2024 ओलंपिक में 8 अगस्त को स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक मुकाबले में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का नेतृत्व किया। वह टूर्नामेंट में कुल 10 गोल के साथ शीर्ष स्कोरर थे, जिसमें कांस्य पदक मैच में दो महत्वपूर्ण गोल शामिल थे। सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी दो गोल किए, जिससे भारत को उनके खिलाफ 52 वर्षो में पहली जीत मिली थी। ओलंपिक में उनके प्रदर्शन और कप्तानी के कारण मीडिया ने उन्हें हॉकी के 'सरपंच साहब' का उपनाम दिया।

Created On :   12 Sept 2024 2:50 PM GMT

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