IND vs AUS Test Series: पिंक बॉल टेस्ट में चलता है ऑस्ट्रेलिया का एकछत्र राज, जाने क्या है इसके पीछे की वजह
- पिंक बॉल टेस्ट में सबसे ज्यादा बार जीतने का रिकॉर्ड है कंगारूओं के पास
- एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया 13वीं बार जीती पिंक बॉल टेस्ट
- सीरीज के दूसरे मुकाबले में 10 विकेट से हारा भारत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार 8 दिसंबर को खेले गए मुकाबले में टीम इंडिया को 10 विकेटों से हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ कंगारूओं ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है। एडिलेड में दोनों टीमों के बीच खेला गया ये मैच टेस्ट क्रिकेट में खेले जाने वाले लाल गेंद के बजाय गुलाबी गेंद से खेला गया था। आपको बता दें, लाल गेंद के मुकाबले पिंक बॉल ज्यादा चमकदार होता है। जिसकी वजह से अधिक लंबे वक्त तक यह गेंद स्विंग कर सकती है। जानकारी के लिए बता दें, पूरी दुनिया में ऑस्ट्रेलिया इकलौती ऐसी टीम है जिसने सबसे ज्यादा पिंक बॉल टेस्ट खेला है और सबसे ज्यादा जीत हासिल की है। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल पैदा हो रहे हैं कि आखिर पिंक बॉल टेस्ट में कंगारूओं की जीत की असल वजह क्या है? तो चलिए जानने की कोशिश करते हैं इसके पीछे के कारण के बारे में।
क्रिकेट इतिहास में पहला पिंक बॉल टेस्ट साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था जिसमें कंगारूओं ने बाजी मार ली थी। आपको बता दें, ऑस्ट्रेलिया ने अब तक कुल 14 पिंक बॉल टेस्ट खेलें हैं जिनमें उन्होंने 12 बार जीत हाथ लगी थी। वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मैच उन्हें गवांना पड़ा था। एडिलेड में खेले गए मुकाबले के बाद पिंक बॉल टेस्ट में यह कंगारूओं की 13वीं जीत थी।
अब अगर बात करें गुलाबी गेंद से ऑस्ट्रेलिया के सबसे ज्यादा मुकाबलों में जीतने कि तो, एक टीम तभी मजबूत होती है जब उनके खिलाड़ियों के बेस को घरेलू मैचों में अच्छे से तैयार किया जाए। बता दें, पिंक बॉल से कंगारूओं की जीत की अहम वजह ये है कि वह डोमेस्टिक लेवल से ही अपने खिलाड़ियों को पिंक बॉल की ट्रेनिंग देना शुरु कर देता है। जानकारी के लिए बता दें, ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड डोमेस्टिक मैचों को भी गुलाबी गेंद से करवाता है। इससे यह साफ पता चलता है कि उनकी टीम चाहे कितने भी अंतरराष्ट्रीय पिंक बॉल टेस्ट खेले हो, उनके खिलाड़ी पहले से ही गुलाबी गेंद से खेलना जानते हैं।
Created On :   8 Dec 2024 8:56 PM IST