Wakf Amendment Bill: 'जरुरी था सुधार, इसकी संपत्ति अल्लाह की..., गरीबों और जनहित के लिए हो इस्तेमाल, वक्फ संशोधन बिल पर बोले बिहार राज्यपाल

जरुरी था सुधार, इसकी संपत्ति अल्लाह की..., गरीबों और जनहित के लिए हो इस्तेमाल, वक्फ संशोधन बिल पर बोले बिहार राज्यपाल
  • वक्फ बिल संसद में हुआ पास
  • बिल के विरोध में सड़कों पर पहुंचा अल्पसंख्यक समुदाय
  • बिहार राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया बिल का समर्थन

डिजिटल डेस्क, पटना। वक्फ संशोधन बिल संसद में पास हो गया है। इस बिल के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसी बीच बिहार के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, 'वक्फ की संपत्तियां अल्लाह की मानी जाती हैं। इसका इस्तेमाल गरीबों, जरूरतमंदों और जनहित के लिए होना चाहिए। गैर मुस्लिमों का भी वक्फ की संपत्तियों में बराबर का हक है।'

वक्फ के तहत कोई अस्पताल या अनाथालय नहीं

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत में प्रजातंत्र है, यहां हर किसी को विरोध करने का अधिकार है। हर कोई अपनी बात रख सकता है। जब में यूपी में मंत्री था तब वक्फ विभाग मेरे ही पास था। हर समय मुझे ऐसे लोगों से मुलाकात करनी पड़ती थी, जिनके संपत्ति के मामले चल रहे थे। उन्होंने कहा, 'पटना में कई वक्फ संपत्तियां हैं, लेकिन वक्फ के अंतर्गत कोई एक अस्पताल या अनाथालय का नाम बताइए?'

वक्फ में थी सुधार की जरुरत

राज्यपाल ने कहा कि वक्फ में सुधार की बहुत जरुरत थी। इसमें संशोधन इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। उन्होंने कुरान का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें दो प्रकार के जरूरतमंदों- फकीर (मुस्लिम) और मिस्कीन (गैर मुस्लिम) का जिक्र किया गया है। इसका अर्थ है कि वक्फ से लाभान्वित होने का अधिकार हर जरूरतमंद को है। धर्म के आधार पर नहीं। पटना में वक्फ की बहुत प्रॉपर्टी है, लेकिन आप मुझे बताइए कोई एक संस्था है जो गरीब के लिए काम कर रही है। सिर्फ आपस में मुकदमे बाजी हो रही है।

बता दें कि इससे पहले भी राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान वक्फ पर सवाल उठा चुके हैं। अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था, 'मैं कुछ समय तक यूपी में वक्फ मंत्रालय में रहा था। मैंने केस के अलावा कुछ नहीं देखा। 1980 में मुस्लिम महिला सुरक्षा अधिनियम पारित हुआ।'

इसमें कहा गया था, 'अगर तलाकशुदा महिला की देखभाल करने वाले कोई नहीं है तो उसे वक्फ बोर्ड की तरफ से भत्ता दिया जाएगा। दो साल बाद मैंने संसद में पूछा कि वक्फ बोर्ड ने क्या प्रावधान किया है और तलाकशुदा महिला को भत्ते के रूप में कितने राशि दी जाती है।'

उन्होंने आगे कहा, 'मुझे जवाब मिला कि किसी भी वक्फ बोर्ड ने एक पैसे का प्रावधान नहीं किया है। वक्फ बोर्ड की हालत यह है कि उसके पास इतनी संपत्ति है और उनके पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं।'

Created On :   5 April 2025 11:47 PM IST

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