लोकसभा चुनाव 2024: इस सीट पर प्रत्याशी चयन में फंसे अखिलेश, चार नामों के इर्द-गिर्द घूम रही उम्मीदवारी, ब्राह्मण चेहरे पर लग सकती है मुहर
- देश में जल्द होने वाले हैं लोकसभा चुनाव
- सपा ने पार्टी के कई उम्मदीवारों के टिकट काटे
- प्रत्याशियों के चयन में हो रही देरी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी है। उम्मीदीवार के टिकट वितरण पर कई पार्टियों का फोकस बना हुआ है। इस सिलसिले में समाजवादी पार्टी कई उम्मदीवारों के टिकट काटने और बदलने पर मंथन कर रही हैं। जिसके चलते सपा में उम्मदीवारों की तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो पा रही है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने पार्टी के छह सीटों को लेकर टिकटों में बदलाव किया है। हालांकि, पार्टी में अब भी कई सीटों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने उत्तरप्रदेश की मेरठ लोकसभा सीट के टिकट पर बदलाव किया है। इस सीट पर पिछले कई दिनों से खींचातान चल रही थी। ऐसे में अखिलेश को सोमवार देर रात मेरठ-हापुड़ सीट पर पहले से घोषित उम्मीदवार भानु प्रताप सिंह एडवोकेट का टिकट काटना पड़ा। उनकी जगह पर सरधना से विधायक अतुल प्रधान को टिकट सौंपा गया है। इसके अलावा आगरा से सुरेश चंद्र कदम को टिकट दिया गया है।
बागपात सीट पर चार प्रत्याशी की दावेदारी
खबरें हैं कि सपा बागपात लोकसभा सीट पर अमरपाल शर्मा को प्रत्याशी बना सकती है। मेरठ सीट की तरह ही इस सीट पर भी लंबे समय से तनातनी देखने को मिल रही है। टिकट पर अमरपाल सिंह का कहना है कि पार्टी ने उन्हें ही प्रत्याशी घोषित किया है। इससे पहले सपा ने 20 मार्च को अपने उम्मीदवार की लिस्ट जारी की थी। इस पर मनोज चौधरी ने दावा किया है कि वह ही बागपत सीट के अधिकृत उम्मीदवार हैं। माना जा रहा है कि बागपत में सपा की टिकट बदलने का मुख्य कारण जातीय समीकरण है। वहीं, इसी सीट पर बीजेपी और रालोद ने गठबंधन के तहत डा. राजकुमार सांगवान को उम्मीदवार बनाया है। इसके लिए उन्होंने सोमवार को अपना नामांकन किया है।
उधर, सपा ने मनोज चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि, उनके प्रत्याशी बनने से नाराज साहिबाबाद के पूर्व विधायक अरमपाल शर्मा इस सीट पर जीत का दावा कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि बागपत में दोनों उम्मीदवार जाट समुदाय के हैं। ऐसे में ब्राह्मण चेहरे को प्रत्याशी बनाकर इस सीट पर जीत दर्ज हो सकती है। क्योंकि बागपत में सवा लाख वोटर ब्राह्मण वोटर्स हैं। इसके अलावा पार्टी में मनोज चौधरी के उम्मीदवारी को लेकर भी विवाद शुरु हो गया है। सपा के कार्यकार्ताओं ने मनोज को भाजपा-रालोद के प्रत्याशी डा. राजकुमार सांगवान के सामने कमजोर करार दिया है। उनकी जगह ब्राह्मण कोटे के दावेदार को प्रत्याशी बनाने की मांग उठने लगी है। गौरतलब है कि सपा की ओर से बागपत सीट के लिए चार लोगों का नामांकन पत्र खरीदे गए हैं। इसमें मनोज चौधरी और अमरपाल को छोड़कर विदुर कुमार और विकास कुमार का नाम भी मौजूद हैं। विकास और विदुर ने खुद को सपा प्रत्याशी बताया है। ऐसे में दोनों ने नामांक पत्र खरीदे लिए हैं। संभावना है कि चुनाव के लिए अमरपाल शर्मा 3 अप्रैल को नामांकन पर्चा भरेंगे। उन्होंने भी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार होने के रूप में सोमवार को नामांकन पत्र खरीदा था। बता दें, बागपत में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। इसके नामांकन की प्रकिया 28 मार्च से शुरु हो चुकी है।
यूपी की इन सीटों पर बदले गए उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी में बागपत सीट से पहले रामपुर और मुरादाबाद सीट पर टिकटों को लेकर खूब ड्रामा देखने को मिला था। मौजूदा सांसद डॉ एसटी हसन ने मुरादाबाद सीट के लिए सपा से नामांकन पत्र भरा था। मगर, नामाकंन के आखिरी दिन पर अखिलेश यादव ने उनका टिकट काटकर रुचि वीरा को उम्मीदवार बना दिया था। इसके बाद हसन के समर्थकों के बीच आक्रोश देखा गया था। रामपुर सीट की बात करें तो यहां पर भी ऐन मौके पर मुहिउबुल्ला मदनी को प्रत्याशी बनाया गया था। सपा ने बदायूं सीट पर पहले से घोषित प्रत्याशी धर्मेंद यादव का टिकट काटते हुए शिवपाल यादव को उम्मीदवार घोषित कर दिया था। बदायूं सीट के बदले पार्टी ने धर्मेंद यादव को आजमगढ़ सीट सौंप दी थी। गौतमबुद्ध नगर सीट पर डॉ. महेंद्र नागर पर पूर्व प्रत्याशी को बदलकर राहुल अवाना को टिकट सौंप दिया था। ठीक इसी तरह मिश्रिख सीट पर भी मनोज राजवंशी के स्थान पर संगीता राजवंशी को प्रत्याशी बनाया गया था। इसी दौरान संभल सीट पर सपा के पूर्व घोषित प्रत्याशी शफीकुर्रहमान की मृत्यु के बाद टिकट में बदलाव करना पड़ा था। पार्टी ने उनके पोते जियाउर रहमान बर्क को उम्मीदवार बनाया था। सपा ने बिजनौर सीट पर भी उम्मीदवार को बदला था। इस सीट पर पार्टी ने पहले यशवीर सिंह को टिकट सौंपा था। बाद में उनके स्थान पर दीपक सैनी को प्रत्याशी बनाया गया था।
Created On :   2 April 2024 4:43 PM IST