अलविदा: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को याद दिलाती रहेगी उनकी योजनाएं
- इकोनॉमी के डॉक्टर थे मनमोहन सिंह
- राजनीति के गेमचेंजर
- पाकिस्तान में हुआ था जन्म, दिल्ली में अत्येष्टि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। देश में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक है। पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक उदारीकरण का फादर, ग्लोबलाइजेशन का शिल्पकार रहें। उन्होंने अर्थशास्त्री से लेकर फाइनेंस मिनिस्टर और प्रधानमंत्री पद तक का सफर तय किया। मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। डॉ सिंह ने शुरुआती पढ़ाई गाह गांव के प्राइमरी स्कूल से की। विभाजन के समय डॉ सिंह का परिवार अमृतसर में बस गया।
वित्त मंत्री रहते डॉ मनमोहन सिंह लाइसेंस राज को खत्म कर विदेशी निवेश को भारतीय अर्थव्यवस्था में खोलने का ऐलान किया। उन्होंने एलपीजी व्यवस्था से भारतीय अर्थव्यवस्था की तकदीर और तस्वीर बदल दी। जो भारतीय अर्थव्यवस्था दिवालिएपन के मुहाने पर खड़ी मनमोहन सिंह फैसले ने पटरी पर ला दिया था। और वो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए डॉक्टर साबित हुए। सिंह ने मंडल-कमंडल की सियासत के बीच विकास को भी प्रमुखता दी थी। राजनीति के गेमचेंजर सिंह का ये चेंजिंग मोड पीएम पद पर पहुंचने तक भी कायम रहा। मनमोहन सिंह 2004 में प्रधानमंत्री बने। मनमोहन सिंह की सरकार में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी मनरेगा, शिक्षा का अधिकार (आरटीई), सूचना का अधिकार (आरटीआई), खाद्य सुरक्षा जैसे कानून आए और आधार कार्ड और डायरेक्ट कैश बेनिफिट शुरू हुई।
पक्ष विपक्ष के सभी नेताओं ने डॉ मनमोहन सिंह के आवास पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा है कि देश ने एक विशिष्ट नेता खो दिया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने डॉक्टर सिंह को अपना गुरु बताते हुए कहा है कि मैंने अपना मार्गदर्शक खो दिया है।
Created On :   28 Dec 2024 1:03 PM IST