Jabalpur News: गर्म हवाओं का असर और बढ़ेगा, सीजन में पहली बार गर्मी के तेवर 42 पार

गर्म हवाओं का असर और बढ़ेगा, सीजन में पहली बार गर्मी के तेवर 42 पार
  • हवा का रुख पूरी तरह से पश्चिमी होने पर 44 से 45 डिग्री तक होता है तापमान
  • मध्य प्रदेश के पश्चिमी, उत्तरी हिस्से के मुकाबले जबलपुर सहित पूर्वी एरिया में गर्मी कुछ कम पड़ती है।
  • शहर का सौभाग्य है कि नर्मदा तट की वजह से आबोहवा और शहरों के मुकाबले अब भी यहां बेहतर है।

Jabalpur News: कई तरह के सिस्टम सक्रिय होने से इस बार मार्च में ज्यादा गर्मी का अहसास नहीं हो पाया, लेकिन अब आगे अप्रैल के बचे दिनों और मई में तीखी गर्मी असर दिखाएगी। बीते 3 दिन से लगातार ऊपर जाते पारे ने यह अहसास कराना शुरू भी कर दिया है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 42.1 डिग्री दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे अधिक है। वैसे शहर में बीते कुछ सालों पर नजर डालें तो मुख्य रूप से 20 मई से 5 जून तक सबसे अधिक गर्मी पड़ती है।

एक्सपर्ट के अनुसार हवा का रुख पूरी तरह से पश्चिमी होने पर मुख्यत: 16 दिन में अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री की सीमा तक पहुंचता है। मौसम वैज्ञानिक देवेन्द्र तिवारी कहते हैं कि इस बार भी इसी पैटर्न पर गर्मी रहेगी। मौसम शुष्क होने व सूरज की सीधी किरणों के साथ पश्चिमी हवा मई के आखिरी में अपना ज्यादा प्रभाव छोड़ती है। शहर में 2019 में एक बार 45 डिग्री को पार कर अधिकतम तापमान 46.8 दर्ज किया गया था।

एक्सपर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के पश्चिमी, उत्तरी हिस्से के मुकाबले जबलपुर सहित पूर्वी एरिया में गर्मी कुछ कम पड़ती है। यह शहर का सौभाग्य है कि नर्मदा तट की वजह से आबोहवा और शहरों के मुकाबले अब भी यहां बेहतर है।

15 अप्रैल से 15 मई तक तेज हवा, बूंदाबांदी

अप्रैल मध्य से मई मध्य तक के दिनों को काल बैसाखी के रूप में गिना जाता है। इन दिनों में आमतौर पर जबलपुर सहित पूर्वी मध्य प्रदेश के शहरों में तेज हवा के साथ बादल सक्रिय होते हैं। काल बैसाखी की वजह से गर्म और ठंडी हवा का टकराव होता है। छोटा नागपुर पठार से गर्म हवा उठती है, जबकि बंगाल की खाड़ी से ठंडी व नम हवा आती है।

आप यहां तो गर्मी से थोड़ी राहत

भीषण गर्मी के दिनों में यदि आप शहर में नर्मदा तट के किनारे या फिर हिरन या गौर नदी के तटों के आसपास हैं, तो उस दिन के तापमान से 2 डिग्री तक नीचे गर्मी महसूस करते हैं। पूर्वी हिस्से में खमरिया और आसपास के क्षेत्र में गर्मी कम होती है। इसी तरह दक्षिणी हिस्से में जिलहरी घाट से लेकर ग्वारीघाट, तिलवारा, भेड़ाघाट, सरस्वती घाट की सीमा तक तापमान कम महसूस होता है। यहां गर्मी के दिनों में गर्मी कम तो ठंड औसत से ज्यादा महसूस होती है।

शहर के भीतरी हिस्से जहां पर ट्रैफिक ज्यादा है, वाॅटर बाॅडीज कम हैं, हरियाली में कमी आई है, गैसों का भार अधिक है। इन हालातों में टेम्प्रेचर ज्यादा फील होता है। जबकि नर्मदा, हिरन जैसी किसी भी नदी के आसपास नमी भी ज्यादा होती है जिससे तापमान कुछ कम हो जाता है।

-डॉ. आरके श्रीवास्तव

पर्यावरण विभाग प्रमुख, साइंस काॅलेज।

बीते कुछ सालों के मई के सबसे गर्म दिन

28 मई 2024 44.5

22 मई 2023 42.5

15 मई 2022 44.2

1 मई 2021 41.5

30 मई 2020 45

31 मई 2019 46

जून माह के सबसे गर्म दिन

1 जून 2024 44

6 जून 2022 44.6

चौराहों पर रेड सिग्नल में धूप से राहत दे रहे ग्रीन नेट

शहर में गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। अधिकतम तापमान 42 डिग्री को पार कर रहा है। गर्मी को देखते हुए नगर निगम ने शहर के प्रमख चौराहों पर ग्रीन नेट लगाना शुरू किया है। सबसे पहले ब्लूम चौक पर ग्रीन नेट लगाई गई है। निगमायुक्त प्रीति यादव ने बताया कि चौराहों पर दोपहर के समय कड़ी धूप में वाहन चालकों को रेड सिग्नल पर रुकना पड़ता है। सिग्नल पर वाहनों के कारण तापमान बढ़ा रहता है।


एक से डेढ़ मिनट तक सिग्नल पर खड़े रहने के दौरान वाहन चालकों को गर्मी से राहत रहे, इसलिए नगर निगम ने ग्रीन नेट बांधने का काम शुरू कर दिया है। दरअसल चौराहों पर दोे-पहिया वाहनों के अलावा कारें भी खड़ी रहती हैं। कारों का एसी चलने से उनके आसपास का तापमान ज्यादा रहता है। इस कारण आसपास खड़े रहने वाले वाहन चालकों को तेज गर्मी का अहसास होता है। नगर निगम ने पिछले साल भी कुछ चौराहों पर यह प्रयोग किया था।

Created On :   19 April 2025 5:22 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story