शिक्षा और भेदभाव: वंचितों की हिस्सेदारी और भागीदारी सुनिश्चित होने तक न्याय अधूरा -राहुल गांधी

वंचितों की हिस्सेदारी और भागीदारी सुनिश्चित होने तक न्याय अधूरा -राहुल गांधी
  • अभी भी जारी है शिक्षण संस्थानों में भेदभाव-गांधी
  • कांग्रेस की संविधान लीडरशिप प्रोग्राम से जुड़ने की अपील
  • रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे होनहार छात्रों की जान ली

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा जब तक वंचित वर्गों की असल हिस्सेदारी और भागीदारी सुनिश्चित नहीं होगी तब तक न्याय अधूरा रहेगा। अगर आप महिला, दलित, महादलित, पिछड़े, अति पिछड़े, पसमांदा, EWS या अल्पसंख्यक वर्ग से हैं, या इन वर्गों का नेतृत्व करते हैं, तो हमारे ‘संविधान लीडरशिप प्रोग्राम’ से जुड़ें।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि अपने अधिकारों की रक्षा, जाति जनगणना से सामाजिक न्याय और अपनी भागीदारी की लड़ाई को मज़बूत करने के लिए साथ आएं। वक्त है एकजुट होकर मजबूती से आवाज़ उठाने का। इस अभियान से जुड़ने के लिए गांधी ने अपनी एक्स पोस्ट पर एक लिंक और मोबाइल नंबर जारी किया है। ये लिंक https://whitetshirt.in/samvidhanleadership पर जाएं या 9999812024 पर मिस्ड कॉल दें।

आपको बता दें हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में एससी, एसटी और ओबीसी स्टूडेंट से मुलाकात की, इस मुलाकात को लेकर गांधी ने कहा मेरी मुलाक़ात दलित, आदिवासी और OBC समुदाय के छात्रों और शिक्षकों से हुई थी। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें किस तरह कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जाति के आधार पर भेदभाव झेलना पड़ता है।

बाबासाहेब अंबेडकर ने दिखाया था कि शिक्षा ही वह साधन है जिससे वंचित भी सशक्त बन कर जातिभेद को तोड़ सकते हैं। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि दशकों बाद भी लाखों छात्र हमारी शिक्षा व्यवस्था में जातिगत भेदभाव का सामना कर रहे ‌हैं। इसी भेदभाव ने रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे होनहार छात्रों की जान ली है। ऐसी भयावह घटनाएं किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। अब इस अन्याय पर पूरी तरह से रोक लगाने का वक्त है।‌

मैंने सिद्धारमैया जी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि कर्नाटक में रोहित वेमुला एक्ट लागू किया जाए। भारत के किसी भी बच्चे को वो जातिवाद नहीं झेलना चाहिए, जिसे बाबासाहेब अंबेडकर, रोहित वेमुला और करोड़ों लोगों ने सहा है।

Created On :   19 April 2025 4:43 PM IST

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