बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर क्या बोल गए कांग्रेस सांसद शशि थरूर, देनी पड़ रही है सफाई, जाने पूरी खबर में
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है। भारत सरकार द्वारा इसे प्रतिबंध करने के बाद देश के अलग-अलग जगहों पर हिंसा होने की खबरें आ रही हैं। शैक्षिण संस्थानों से लेकर सड़कों तक डॉक्यूमेंट्री को लेकर बवाल मचा हुआ है। विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर डॉक्यूमेंट्री को बैन करने पर आक्रामक दिखाई दे रही हैं, खासतौर पर कांग्रेस पार्टी। बवाल के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरूवतंपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने पार्टी लाइन से बिल्कुल हटकर डॉक्यूमेंट्री विवाद पर अपनी राय रखी है। जिसके बाद से ही उनकी सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है।
डॉक्यूमेंट्री पर क्या बोले शशि थरूर?
दरअसल, कांग्रेस सांसद शशि थरूर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री "इंडिया द मोदी क्वेश्चन" पर हो रहे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसको लेकर वो सुर्खियों में बने हुए हैं। उनका बयान इसलिए भी चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि जहां कांग्रेस देश के अलग-अलग जगहों पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करा रही है। वहीं पार्टी सांसद थरूर ने पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान दिया है। शशि थरूर ने इस पूरे विवाद पर कहा कि, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर जो विवाद हो रहा है, वह अनावश्यक है। जो चीजें पुराने समय में हो चुकी हैं उस पर बात करने का कोई मतलब नहीं बनता। हालांकि, सांसद ने यह भी कहा कि गुजरात दंगें का घाव अभी पूरी तरह से भरा नहीं है, लेकिन बहस करने से अब कोई फायदा भी नहीं होगा। इसके अलावा थरूर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, "इस घटना को 21 साल बीत चुके हैं, पीएम मोदी को शीर्ष अदालत भी इस मामले में क्लीन चिट दे चुकी है।"
सफाई में क्या कहा थरूर ने?
सांसद शशि थरूर के इस बयान के बाद कई लोगों ने नाराजगी जताई है। सोशल मीडिया यूजर्स को थरूर का यह बयान पसंद नहीं आया है। एक यूजर ने लिखा, थरूर बोल रहे हैं कि गुजरात दंगों से लोग आगे बढ़ जाएं। थरूर को पता होना चाहिए कि, देश और लोगों की यादें लंबी होती है। जिसका जवाब देते हुए थरूर ने कहा कि, मैने कभी नहीं ये कहा कि लोग इस त्रासदी से आगे बढ़ जाएं। गौरतलब है कि, शशि थरूर ने सफाई देते हुए ट्वीटर पर लिखा, "मैंने वो नहीं कहा। मैंने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि मेरा मानना है कि, गुजरात के घाव पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं, लेकिन यह देखते हुए कि सुप्रीम कोर्ट अंतिम फैसला सुना चुका है, हमें इस मुद्दे पर बहस करने से बहुत कम फायदा होगा।"
सेक्युलर कैंप को लिया आड़े हाथों
इस पूरे मसले पर जवाब देते हुए शशि थरूर ने एक अन्य ट्वीट में "सेक्युलर कैंप" का जिक्र करते हुए लिखा "मैं स्वीकार करता हूं कि अन्य लोग मेरे विचार से असहमत हो सकते हैं, लेकिन सांप्रदायिक मुद्दों पर मेरे चार दशक के रिकॉर्ड और गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए खड़े होने के दो दशक के रिकॉर्ड को तोड़-मरोड़ कर पेश करना बेहद निंदनीय है। "सेक्युलर कैंप" के लोगों को अपनों के प्रति ईर्ष्या रखने से बहुत कम फायदा होगा।"
डॉक्यूमेंट्री पर कांग्रेस का यह नेता पहले ही उठा चुका है सवाल?
गौरतलब है कि, हाल में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री "इंडिया द मोदी क्वेश्चन" पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। मीडिया से बातचीत के दौरान अनिल एंटनी ने बताया था कि, डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ ट्वीट करने की वजह से मुझे रात को धमकी भरे कॉल आए और ट्वीट हटाने का दबाव बनाया गया। जिसके बाद से मुझे ऐसा लगा कि कांग्रेस में अब मेरे लिए कुछ नहीं बचा है।
Created On :   28 Jan 2023 2:14 PM IST