डब्ल्यूबीएसएससी घोटाला : दागी पदाधिकारी को बरकरार रखने के लिए बढ़ाई गई आयोग अध्यक्ष की सेवानिवृत्ति आयु
डिजिटल डेस्क, ,कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 में कल्याणमय गंगोपाध्याय को पद पर बनाए रखने के लिए पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के अध्यक्ष के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 68 वर्ष कर दी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने गुरुवार शाम को करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती में गड़बड़ी घोटाले के सिलसिले में गंगोपाध्याय को गिरफ्तार किया। उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। सीबीआई के अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या घोटाले को जारी रखने के मकसद से राज्य सरकार गंगोपाध्याय को कुर्सी पर बनाए रखना चाहती थी।
सीबीआई ने यह भी नोट किया है कि गंगोपाध्याय 2021 की शुरुआती तिमाही में 68 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद भी एक वर्ष से अधिक समय तक कुर्सी पर बने रहे। इस साल जून में ही केंद्रीय एजेंसियों द्वारा करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच शुरू करने के बाद उन्हें हटा दिया गया था। गंगोपाध्याय पहले ऐसे अध्यक्ष हैं, जो 2012 से 2022 तक सबसे लंबे समय तक डब्ल्यूबीएसएससी अध्यक्ष की कुर्सी पर बने रहे। माना जा रहा है कि अगर इस मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच शुरू नहीं हुई होती, तो शायद वह आज तक कुर्सी पर बने रहते।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि उनका मुख्य कार्य अब कुर्सी के लिए सेवानिवृत्ति की आयु में संशोधन के माध्यम से उनके विस्तार और उस कुर्सी पर उनके 10 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा की गई अनियमितताओं के बीच संबंध स्थापित करना है। गंगोपाध्याय के खिलाफ मुख्य आरोप बिना क्रॉस-चेकिंग के डब्ल्यूबीएसएससी की स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिशों का पालन करते हुए सभी मानदंडों की धज्जियां उड़ाते हुए नियुक्ति पत्रों का वितरण है।
न्यायमूर्ति रंजीत कुमार बाग (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली कलकत्ता हाईकोर्ट की न्यायिक समिति ने डब्ल्यूबीएसएससी की स्क्रीनिंग कमेटी को घोटाले के केंद्र के रूप में पहचाना और समिति के पूर्व संयोजक एसपी सिन्हा को भी इसका मास्टरमाइंड बताया। सिन्हा और डब्ल्यूबीएसएससी के पूर्व सचिव फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। गंगोपाध्याय के खिलाफ आरोप यह भी है कि वह सिन्हा द्वारा नियुक्ति सिफारिशों को बिना क्रॉस-चेक किए लागू कर देते थे।
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य और पश्चिम बंगाल विधानसभा में वामपंथी विधायक दलों के पूर्व नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि डब्ल्यूबीएसएससी अध्यक्ष की कुर्सी के लिए सेवानिवृत्ति की आयु के विस्तार पर विपक्षी दलों ने 2016 में ही आपत्ति जताई थी, लेकिन इस बात की अनदेखी करते हुए कि राज्य सरकार ने संशोधन जारी रखा।
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Created On :   16 Sept 2022 1:30 PM IST