प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए धन सृजन व शांति पर ध्यान देने का किया आह्वान

PM calls for focus on wealth creation and peace for the development of the North East
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए धन सृजन व शांति पर ध्यान देने का किया आह्वान
दिल्ली प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए धन सृजन व शांति पर ध्यान देने का किया आह्वान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के विकास के लिए धन, शांति, बिजली, पर्यटन, 5जी कनेक्टिविटी, संस्कृति, प्राकृतिक खेती, खेल और क्षमता के आठ स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

शिलॉन्ग में नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (एनईसी) की एक बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार लुक ईस्ट नीति को एक्ट ईस्ट में बदलने से आगे बढ़ गई है और अब इसकी नीति एक्ट फास्ट फॉर नॉर्थईस्ट और एक्ट फस्र्ट फॉर फॉर है।

यह बैठक एनईसी के स्वर्ण जयंती समारोह का प्रतीक है। इसका औपचारिक उद्घाटन 1972 में हुआ था। पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में एनईसी के योगदान की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र दक्षिण पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार है और पूरे क्षेत्र के विकास का केंद्र बन सकता है।

प्रधान मंत्री ने कहा, और इस क्षेत्र की इस क्षमता का एहसास करने के लिए भारतीय-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग और अगरतला-अखौरा रेल परियोजना जैसी परियोजनाओं पर काम चल रहा है।क्षेत्र में शांति पहलों की सफलता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, अंतरराज्यीय सीमा समझौते किए गए हैं और चरमपंथ की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।

नेट जीरो के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर जलविद्युत का पावरहाउस बन सकता है।क्षेत्र की पर्यटन क्षमता पर चर्चा करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि क्षेत्र की संस्कृति और प्रकृति दोनों ही दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भी पर्यटन की पहचान की जा रही है और उन्हें विकसित किया जा रहा है। इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की बात करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि कई पुल परियोजनाएं जो कई दशकों से लंबित थीं, अब पूरी हो चुकी हैं।

पिछले आठ वर्षों में इस क्षेत्र में हवाई अड्डों की संख्या नौ से बढ़कर 16 हो गई है, और उड़ानों की संख्या 2014 से पहले लगभग 900 से बढ़कर लगभग 1,900 हो गई है। कई पूर्वोत्तर राज्य पहली बार रेलवे मानचित्र पर आए हैं और जलमार्गों के विस्तार के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में 2014 के बाद से राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पीएम-देवाइन योजना के शुभारंभ के साथ ही पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को और गति मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को बढ़ाकर पूर्वोत्तर में डिजिटल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर भी काम कर रही है। 5जी इंफ्रास्ट्रक्च र के विकास के बारे में बात करते हुए पीएम ने कहा कि इससे क्षेत्र में अन्य लोगों के अलावा स्टार्टअप इकोसिस्टम, सर्विस सेक्टर के विकास में मदद मिलेगी।

 

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Created On :   18 Dec 2022 4:00 PM IST

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