संसद सत्र: राज्यसभा में चीन से तनाव पर बोले राजनाथ सिंह- हम किसी भी कीमत पर देश का मस्तक झुकने नहीं देंगे

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संसद सत्र: राज्यसभा में चीन से तनाव पर बोले राजनाथ सिंह- हम किसी भी कीमत पर देश का मस्तक झुकने नहीं देंगे
संसद सत्र: राज्यसभा में चीन से तनाव पर बोले राजनाथ सिंह- हम किसी भी कीमत पर देश का मस्तक झुकने नहीं देंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र का आज (17 सितंबर) चौथा दिन है। राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत-चीन सीमा विवाद पर बयान दिया। राजनाथ सिंह एक बार फिर स्पष्ट तौर पर ये कहा है कि, भारत चीन सीमा विवाद अब तक अनसुलझा है। चीन की कथनी और करनी में अंतर है, लेकिन मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं, हम देश का मस्तक किसी भी कीमत पर झुकने नहीं देंगे और न ही हम किसी का मस्तक झुकाना चाहते हैं। बता दें कि, रक्षा मंत्री इससे पहले लोकसभा में चीन से तनाव के मुद्दे पर बयान दे चुके हैं। फिलहाल राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

राज्यसभा की कार्यवाही LIVE:
गुरुवार को राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने कहा, भारत और चीन दोनों ने औपचारिक तौर पर यह माना है कि सीमा का सवाल एक जटिल मुद्दा है जिसके समाधान के लिए शांति की आवश्यकता है। इस मुद्दे का समाधान, शांतिपूर्ण बातचीत के द्वारा निकाला जाए। शांति बहाल करने के लिए कई समझौते किए गए, लेकिन चीन औपचारिक सीमाओं को नहीं मानता। 

15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में हमारे 20 जवान शहीद हुए। कर्नल संतोष बाबू ने अपने 19 बहादुर सैनिकों के साथ भारत की अखंडता का बचाव करने के उद्देश्य से गलवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान दिया। इसके बाद हमारे प्रधानमंत्री खुद सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए लद्दाख गए और जवानों का हौसला बढ़ाया। बॉर्डर पर अगर तनाव जारी रहेगा तो द्विपक्षीय रिश्तों पर इसका सीधा असर आएगा। हमारी सेना ने चीन को भारी नुकसान पहुंचाया। चीन की कथनी और करनी में फर्क है।

सेनाओं के अदम्य साहस के प्रति सम्मान प्रदर्शित करें- राजनाथ
रक्षा मंत्री ने कहा, यह सच है कि हम लद्दाख में एक चुनौती के दौर से गुजर रहे हैं लेकिन साथ ही मुझे भरोसा है कि हमारा देश और हमारे वीर जवान इस चुनौती पर खरे उतरेंगे। मैं इस सदन से अनुरोध करता हूं कि हम एक ध्वनि से अपनी सेनाओं की बहादुरी और उनके अदम्य साहस के प्रति सम्मान प्रदर्शित करें। इस सदन से दिया गया एकता और पूर्ण विश्वास का संदेश, पूरे देश और पूरे विश्व में गूंजेगा और हमारे जवान, जो कि चीनी सेनाओं से आंख से आंख मिलाकर अडिग खड़े हैं, उनमें एक नए मनोबल, ऊर्जा व उत्साह का संचार होगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सभी दलों का समर्थन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के चीन को लेकर दिए गए बयान के बाद आम आदमी पार्टी, बीजू जनता दल, बहुजन समाज पार्टी व कांग्रेस समेत अन्य दलों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हर तरह से सरकार के साथ खड़े हैं। सभी पार्टियों के समर्थन के बाद रक्षा मंत्री ने कहा, जिस तरह की एकजुटता सभी दलों ने दिखाई है उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। इसके लिए आभार व्यक्त नहीं करना चाहूंगा क्योंकि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर हम सब हमेशा एक साथ रहे हैं। इससे पहले भी हम सबने एक होकर देश की सुरक्षा के लिए लड़ाइयां लड़ी हैं। मैं समर्थन के लिए सभी सदस्यों की प्रशंसा करता हूं।

कोरोना पर चर्चा के दौरान आप सांसद संजय सिंह ने कहा, सदन में कल से कोरोना पर चर्चा हो रही है, लेकिन सत्ता पक्ष के लोग सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। सत्ता पक्ष के लोग कह रहे हैं, विपक्ष ने ताली-थाली बजाने में सरकार का सहयोग नहीं किया। मैं कहना चाहता हूं, एक भी ऐसी रिसर्च बता दीजिए जिसमें ताली-थाली बजाने से कोरोना ठीक हुआ हो, तो मैं प्रधानमंत्री के साथ ताली-थाली बजाने के लिए तैयार हूं।

क्या चरखा चलाने से आजादी मिली थी- सुधांशु त्रिवेदी
जिसके बाद बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, कोरोना मानव जाति के इतिहास की ज्ञात अबतक की सबसे बड़ी आपदा है। संजय सिंह की बात का जवाब देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, जो लोग कह रहे हैं क्या ताली-थाली बजाने से कोरोना खत्म हो जाएगा। मैं उनसे पूछना चाहता हूं क्या चरखा चलाने से आजादी मिली थी? चरखा चलाना एक प्रतीक था। ठीक इसी तरह ताली-थाली बजाना एक प्रतीक था जिसके जरिए कोरोना से जंग में जुटे लोगों का मनोबल बढ़ाने की कोशिश की गई। जैसे गांधी जी ने अंग्रेजों को भगाने के लिए चरखे को प्रतीक बनाया था। वैसे पीएम मोदी ने दीये को सामाजिक चेतना का एक प्रतीक बनाया।

कोरोना रोकने के गोल्डन महीने सरकार ने बर्बाद किए- गुलाम
कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा, COVID-19 को रोकने के लिए सरकार ने स्वर्णिम महीने बर्बाद किए। डब्ल्यूएचओ ने दिसंबर 2019 में एक चेतावनी दी थी। जैसा कि चीन हमारा पड़ोसी देश है, हमें पहले सतर्क होना चाहिए था। राहुल गांधी ने भी सचेत किया था कि महामारी का खतरा हमारे ऊपर मंडरा रहा है।

कोरोना पर राज्यसभा सांसद और शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, मेरी मां और मेरा भाई कोविड-19 से संक्रमित हैं। महाराष्ट्र में भी काफी लोग ठीक हो रहे हैं। धारावी में स्थिति नियंत्रण में है। WHO ने BMC के प्रयासों की सराहना की है। मैं इन तथ्यों को इसलिए बताना चाहता हूं क्योंकि यहां कुछ सदस्य कल महाराष्ट्र सरकार की आलोचना कर रहे थे। मैं उन सदस्यों से पूछना चाहता हूं, इतने सारे लोग कोरोना से कैसे ठीक हुए? क्या लोग भाभी जी के पापड़ खा करके ठीक हो गए? यह कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि यह लोगों की जिंदगी बचाने की लड़ाई है।

अर्थव्यवस्था को लेकर संजय राउत ने कहा, देश की आर्थिक हालत बहुत गंभीर है, अब स्थिति ऐसी है कि हमारी GDP और हमारा RBI भी कंगाल हो चुका है, ऐसे में सरकार एयर इंडिया, रेलवे, LIC और काफी कुछ बाज़ार में बेचने के लिए लाया है बहुत बड़ा सेल लगा है अब इस सेल में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट को भी खड़ा कर दिया है। सरकार जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) को निजी हाथों में देने के बारे में सोच रही है। JNPT विश्व में सबसे बड़ा पोर्ट है जो भारत सरकार को 30% से ज्यादा मुनाफा कमा कर देता है ऐसे महत्वपूर्ण पोर्ट को प्राइवेट हाथों में देना देश के राष्ट्रीय संपत्ति का बहुत बड़ा नुकसान है।

सत्र के दूसरे दिन एयरक्राफ्ट संशोधन बिल 2020 पारित
कोरोना संकट के बीच मॉनसून सत्र की शुरुआत सोमवार से हुई है। राज्यसभा में सत्र के दूसरे दिन एयरक्राफ्ट संशोधन बिल 2020 पास हुआ। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था, भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र में तीन विनियामक निकायों- नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन सुरक्षा कार्यालय और विमान दुर्घटना जांच कार्यालय को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकेगा। इसके अलावा बॉलीवुड में ड्रग्स का मुद्दा भी राज्यसभा में उठ चुका है।

सत्र के तीसरे दिन एयरक्राफ्ट संशोधन बिल 2020 पारित
मॉनसून सत्र के तीसरे दिन राज्यसभा में आयुर्वेद में शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक पारित हुआ। यह विधेयक तीन आयुर्वेद संस्थानों को एक संस्थान- इंस्टीट्यूट ऑफ टीचिंग एंड रिसर्ड इन आयुर्वेद (आयुर्वेद में शिक्षण और अनुसंधान संस्थान) में विलय करने के बारे में है। विधेयक संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करता है। इसके अलावा कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कोरोना, लॉकडाउन और प्रवासी मजदूरों की मौत को लेकर सरकार से सवाल किए थे। 

 

 

Created On :   17 Sept 2020 9:51 AM IST

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