Kharge statement controversy: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर बरसे बीजेपी नेता, कहा - 'उनकी और राहुल गांधी की सोच एक जैसी..EVM पर सवाल उठाना गलत'

- कांग्रेस अधिवेशन ने मल्लिकार्जुन खरगे ने ईवीएम का जिक्र कर बीजेपी पर साधा था निशाना
- बीजेपी विधायक ने खरगे पर किया पलटवार
- उनके बयान को बताया गैरजिम्मेदाराना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव में भाजपा पर धांधली करने और ईवीएम पर सवाल उठाए जाने को लेकर सियासत गरमा गई है। इसे लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है। बुधवार को भाजपा विधायक तुहिन सिन्हा ने कांग्रेस प्रमुख के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया।
राहुल खरगे की सोच एक जैसी
भाजपा विधायक तुहिन सिन्हा ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष का बयान बेहद गैर-जिम्मेदाराना है और यह दर्शाता है कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के सोचने के स्तर में कोई अंतर नहीं है। महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड चुनाव लगभग एक साथ हुए, जहां भाजपा को कहीं जीत तो कहीं हार मिली, लेकिन भाजपा ने कभी ईवीएम या चुनाव प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाए। कांग्रेस लगातार हार के लिए ईवीएम और वोटर लिस्ट को दोष देती है, बजाय आत्ममंथन के। अगर उन्हें चुनाव प्रणाली पर भरोसा नहीं है, तो कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल की अपनी सरकारों से इस्तीफा दिला देना चाहिए, जो इसी प्रणाली से बनी हैं।
दरअसल, गुजरात में कांग्रेस के दो दिवसीय अधिवेशन में बुधवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव धांधली से जीतने का आरोप लगाया और कहा कि जहां एक तरफ पूरी दुनिया बैलेट पेपर की तरफ लौट रही है, वहीं दूसरी तरफ हम आज भी अपनी चुनावी प्रक्रियाओं के लिए ईवीएम पर आश्रित हैं, जबकि ईवीएम की पारदर्शिता को लेकर हमेशा से सवाल उठते आ रहे हैं। अफसोस कि मौजूदा सरकार इस दिशा में किसी भी प्रकार का कदम उठाती हुई नजर नहीं आ रही है।
यह मोदी सरकार की कूटनीतिक जीत
26/11 मुंबई हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को भाजपा विधायक ने मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत बताई। उन्होंने कहा , "26/11 के जख्म आज भी मुंबई के लोग नहीं भूल पाए हैं, जिसमें 166 लोगों की निर्मम हत्या हुई थी। अब 16 साल बाद, इस हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है, जो मोदी सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। यह दर्शाता है कि भारत की नैतिक और डिप्लोमैटिक शक्ति वैश्विक स्तर पर प्रभावी हो चुकी है। एक समय था जब यूपीए सरकार आतंकवादी हमलों पर केवल शिकायत करती थी, लेकिन पिछले दस वर्षों में भारत ने आतंक के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। अब दोषियों को सजा दिलाने का समय आ गया है, और यही सच्चा न्याय होगा।"
Created On :   10 April 2025 1:25 AM IST