विपक्ष का ममता पर वार : लोकतंत्र की रक्षा का मतलब भ्रष्टाचार की रक्षा करना नहीं

Oppositions attack on Mamata: Protecting democracy does not mean protecting corruption
विपक्ष का ममता पर वार : लोकतंत्र की रक्षा का मतलब भ्रष्टाचार की रक्षा करना नहीं
बंगाल सियासत विपक्ष का ममता पर वार : लोकतंत्र की रक्षा का मतलब भ्रष्टाचार की रक्षा करना नहीं

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करने पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से विपक्षी दलों ने रविवार को संस्थान की सुरक्षा के लिए और अधिक सक्रिय होने की अपील की।

विपक्षी दलों ने कहा कि इन दिनों लोगों का अनावश्यक उत्पीड़न कई गुना बढ़ गया है। माकपा के राज्यसभा सदस्य और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता, बिकाश रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि वह वास्तव में समझ नहीं पा रहे हैं कि मुख्यमंत्री क्या कहना चाहती हैं।

उन्होंने कहा, केवल वह (ममता) समझ सकती हैं कि उनका क्या मतलब है। यह सच है कि लोकतांत्रिक प्रथाओं की रक्षा की जानी चाहिए। लेकिन साथ ही, लोकतांत्रिक प्रथाओं की रक्षा के नाम पर भ्रष्टाचार जारी नहीं रह सकता और अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है, तो इसका मतलब सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करना नहीं है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जारी रखनी होगी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने मुख्यमंत्री पर न्यायपालिका पर अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में वंचित शिक्षकों ने न्याय की मांग करते हुए न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाया है। न्यायपालिका अब तक उनके साथ खड़ी रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल इससे सहज नहीं है। मुख्यमंत्री खुद लोकतांत्रिक प्रथाओं के खिलाफ हैं।

भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री जहां लोकतांत्रिक प्रथाओं की बात कर रही हैं, वहीं उनकी अपनी पार्टी भारी संकट का सामना कर रही है।

सिन्हा ने पूछा, मुख्यमंत्री के खिलाफ एक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए एक प्रोफेसर को सलाखों के पीछे भेजा गया था। वह उन युवाओं को भी नहीं बख्श रही हैं, जो शिक्षक भर्ती में अनियमितताओं का लोकतांत्रिक ढंग से विरोध कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कभी भी केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए राष्ट्रीय कार्यक्रमों में शामिल नहीं होती हैं और वह अब संघीय लोकतंत्र को लेकर बहुत चिंतित हैं।

विपक्ष की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ठीक ही कहा है कि न्यायपालिका आम लोगों के लिए न्याय का अंतिम आश्रय है। घोष ने कहा, इसमें आलोचना करने के लिए क्या है? विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया स्वीकार्य नहीं है।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   30 Oct 2022 10:00 PM IST

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