आध्यात्मिकता के बिना जीवन अधूरा है: उपराष्ट्रपति धनखड़
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश से अनैतिकता, अनैतिक आचरण और नकारात्मकता को जड़ से खत्म करने के लिए व्यक्तियों, परिवारों और समाज के बीच आध्यात्मिक सोच विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। आध्यात्मिकता के बिना जीवन अधूरा है ये विचार प्रकट करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि अगर लोगों के जीवन में आध्यात्मिकता को प्रवाहित किया जाए तो उन तकनीकी बदलावों का लोगों के जीवन पर और भी अच्छा असर पड़ेगा जो अभी दुनिया भर में हो रहे हैं।
उच्च सदन के रूप में राज्यसभा की भूमिका का उल्लेख करते हुए धनखड़ ने कहा कि हमारे संविधान निमार्ताओं ने कल्पना की थी कि राज्यसभा अपने आचरण और दूरदर्शिता से देश को एक नई दिशा प्रदान करेगी। उन्होंने सांसदों से ऐसे निजी और सामूहिक आचरण का प्रदर्शन करते हुए आम जनता के लिए मिसाल कायम करने का आग्रह किया जिसका अनुकरण आम जनता कर सके।
राजस्थान के माउंट आबू में ब्रह्माकुमारी के वैश्विक मुख्यालय में सशक्त, समृद्ध और स्वर्णिम भारत की ओर की थीम पर आयोजित ब्रह्माकुमारी की 85वीं वर्षगांठ और दीपावली समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने ये बातें कहीं।
इस अवसर पर धनखड़ ने आध्यात्मिकता को एक व्यक्ति को संपूर्ण व्यक्ति बनाने के लिए हमारी शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा बताया और दुनिया भर में आध्यात्मिकता और धर्म को बढ़ावा देने के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान की सराहना की। भारतीय विचारों और हमारे सभ्यतागत मूल्यों पर जोर देने के लिए नई शिक्षा नीति- 2020 की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि सही शिक्षा, सही सोच और सही ज्ञान ही हमें एक राष्ट्र के रूप में शक्तिशाली बना सकता है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने ब्रह्माकुमारी संस्थान को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का केंद्र बताते हुए कहा, विश्व कल्याण और विश्व के सुख के विचार यहीं से निकलते हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु 20 लाख से ज्यादा पौधे लगाने के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, इस संगठन के विशाल आयाम हैं और ये न केवल मानवता के बल्कि इस ग्रह पर मौजूद सभी जीवित प्राणियों के सबसे मूल्यवान पहलुओं और गुणों की एक मिसाल है।
हाल के वर्षों में सकारात्मक कदमों और दूरदर्शी पहलों की एक श्रृंखला का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़ रहा है और उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वो भारत की इस प्रगति का उत्सव मनाए और इसे रेखांकित करे।
इस आयोजन के बाद उपराष्ट्रपति ने डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ मंगलवार को राजस्थान के दिलवाड़ा मंदिरों और नाथद्वारा मंदिरों का भी दौरा किया।इस अवसर पर राजस्थान सरकार के वन और पर्यावरण राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई, ब्रह्माकुमारी की अतिरिक्त प्रमुख राजयोगिनी बीके जयन बहन और अन्य हस्तियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
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Created On :   25 Oct 2022 8:30 PM IST