जाखड़ की मुख्यमंत्री तथा सिद्धू से लखीमपुर खीरी जाने की अपील

Jakhar appeals to Chief Minister and Sidhu to visit Lakhimpur Kheri
जाखड़ की मुख्यमंत्री तथा सिद्धू से लखीमपुर खीरी जाने की अपील
उत्तर प्रदेश किसान हिंसा जाखड़ की मुख्यमंत्री तथा सिद्धू से लखीमपुर खीरी जाने की अपील

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने राज्य के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी तथा प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू से अपील की है कि वे लखीमपुर खीरी में संघर्ष कर रहे किसानों के पक्ष में आवाज बुलंद करने के लिये पंजाब की सियासी पार्टियों को साथ लेकर लखीमपुर जायें ।

 जाखड़ ने आज यहां एक बयान में कहा कि ऐसे हालात में सभी को संयम से काम लेने की जरूरत है क्योंकि भाजपा सरकार आंदेालन को विफल करने की कोशिश कर सकती है । ऐसे समय में सभी को दलगत भावनाओं से उपर उठकर किसानों के साथ खड़े होने की जरूरत है ताकि भाजपा की कार्रवाई को रोका जा सके ।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पंजाब ही ऐसा प्रदेश है जहां के लोगों ने केन्द्र सरकार के लाये गये कृषि कानूनों के खिलाफ सबसे पहले आवाज बुलंद की थी । इसलिये हमारा सब का फर्ज है कि किसानों का डटकर साथ दिया जाये । बेशक हमारा नेतृत्व लखीमपुर खीरी जा रहा है लेकिन पंजाब नेतृत्व की भी जिम्मेवारी बनती है कि वो पंजाब के सभी दलों को साथ लेकर किसानों के साथ खड़े हों । श्री जाखड़ ने कहा कि इससे पहले भी सैकड़ों किसान इस आंदोलन में अपनी शहादत दे चुके हैं लेकिन भाजपा सरकार पूरी तरह पूंजीपतियों के हाथों में खेल रही है  इस घटना के सच पर पर्दा डालने के लिये भाजपा सरकार की ओर से विरोधियों को घटना स्थल जाने से रोका जा रहा है ।

लोकतंत्र में हरेक को अपना विरोध दर्ज करवाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने किसानों के वाहन जलाकर उनको मारने का काम किया है।इस घटना को लेकर पूरे देश में शोक की लहर है। इस घटना ने भाजपा शासन के अंत की नींव रख दी है। इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री ने उकसावा वाला बयान देकर भाजपा की किसानों के प्रति नीति स्पष्ट कर दी है। श्री जाखड़ ने कहा कि भाजपा सरकार कारपोरेटों की बंधक बनकर काम कर रही है तथा अपनी आवाम की बात न सुनकर पूंजीपतियों के हित की पूर्ति कर रही है। बेहतर हो कि अब भाजपा तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की मांगें मान लें तथा तीनों कृषि कानून रद्द कर दें । 

वार्ता
 

Created On :   4 Oct 2021 5:19 PM IST

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