मवेशी तस्करी घोटाला: तृणमूल ने अनुब्रत मंडल से दूरी बनाना शुरू किया

Cattle smuggling scam: Trinamool starts distancing itself from Anubrata Mandal
मवेशी तस्करी घोटाला: तृणमूल ने अनुब्रत मंडल से दूरी बनाना शुरू किया
पश्चिम बंगाल मवेशी तस्करी घोटाला: तृणमूल ने अनुब्रत मंडल से दूरी बनाना शुरू किया
हाईलाइट
  • निष्पक्ष दृष्टिकोण

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी मामले में सीबीआई द्वारा तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम के जिला प्रमुख अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद पार्टी नेतृत्व ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी है। शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किए जाने के बाद तृणमूल नेतृत्व ने भी इसी तरह का रुख अपनाया था।

मंडल की गिरफ्तारी के संबंध में सबसे पहले अपना बयान देने वाले तृणमूल नेता और राज्य मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय थे, जिन्होंने कहा: यदि कोई अपराध करता है, तो उसे परिणाम भुगतना होगा। फिर, अगर वह (मंडल) बेगुनाही का दावा करता है , यह साबित करने की जिम्मेदारी उस पर है। चट्टोपाध्याय के विचारों से राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने सहमति जताई, जिन्होंने कहा कि इस तरह के मुद्दों पर पार्टी का रुख स्पष्ट है और अनैतिक गतिविधियों में शामिल किसी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाया गया है।

भट्टाचार्य ने कहा, हम इस मामले में भी उसी नीति का पालन करेंगे। साथ ही, मैं यह पूछना चाहती हूं कि क्या ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियां निष्पक्ष दृष्टिकोण बनाए हुए हैं क्योंकि वे भाजपा नेताओं को गलत करने के बारे में चुप और निष्क्रिय हैं? माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने तृणमूल पर कटाक्ष करते हुए कहा, जब पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल ने मुख्य फंड अरेंजर्स के रूप में काम किया, तो वे पार्टी के लिए संपत्ति थे। अब पार्टी गिरफ्तारी के बाद उनके साथ संबंधों से इनकार कैसे कर सकती है?

 

आईएएनएस

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Created On :   11 Aug 2022 10:30 PM IST

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