कलकत्ता हाईकोर्ट ने गाड़ियों में बत्तियों के इस्तेमाल पर बंगाल सरकार से एटीआर मांगा
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में कारों पर लाल और नीली बत्ती के अंधाधुंध इस्तेमाल पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगी। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419 के तहत नियमों का उल्लंघन करने के लिए कितने मामले दर्ज किए गए हैं, जो धोखाधड़ी के लिए प्रतिरूपण से संबंधित है।
राज्य सरकार को 28 नवंबर तक पीठ के समक्ष रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव ने कहा- राज्य में लाल और नीले बत्ती का उपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। ऐसे बत्ती का उपयोग हर जगह दिखाई देता है। क्या ये सभी वाहन बत्ती का उपयोग करने के योग्य हैं? लाल और नीली बत्ती के अवैध उपयोग के लिए राज्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 419 के तहत कार्रवाई करनी चाहिए। कोर्ट जानना चाहेगी कि इस मामले में राज्य सरकार ने कितने मुकदमे दायर किए हैं।
यह मामला तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के वाहन पर लाल बत्ती के इस्तेमाल से जुड़ा है, जो इस समय करोड़ों रुपये के पशु तस्करी घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं। इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें याचिकाकर्ता ने सवाल किया था कि पार्टी के जिलाध्यक्ष लाल बत्ती वाली कार का उपयोग कैसे कर सकते हैं जबकि निर्वाचित विधायकों और सांसदों को भी ऐसा करने की अनुमति नहीं है।
मंगलवार को, राज्य सरकार ने इस पर डिवीजन बेंच को एक रिपोर्ट सौंपी, लेकिन बाद में रिपोर्ट की अपूर्ण प्रकृति पर असंतोष व्यक्त किया। राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वह पहले ही एक अधिसूचना जारी कर चुकी है जिसमें उल्लेख किया गया है कि कौन अपने वाहनों पर लाल बत्ती का उपयोग कर सकता है और कौन किस बत्ती के लिए पात्र है।
हालांकि, बत्ती मानदंड का उल्लंघन करने के लिए अनुब्रत मंडल के खिलाफ की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट अस्पष्ट रही, जिसने न्यायाधीशों को नाराज कर दिया।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   22 Nov 2022 9:00 PM IST