कलकत्ता हाईकोर्ट ने अवैध रूप से नियुक्त गैर-शिक्षण कर्मियों को दिया आखिरी मौका

Calcutta High Court gives last chance to illegally appointed non-teaching staff
कलकत्ता हाईकोर्ट ने अवैध रूप से नियुक्त गैर-शिक्षण कर्मियों को दिया आखिरी मौका
पश्चिम बंगाल कलकत्ता हाईकोर्ट ने अवैध रूप से नियुक्त गैर-शिक्षण कर्मियों को दिया आखिरी मौका

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी स्कूलों में अवैध रूप से नियुक्त 1,698 गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अपनी बेगुनाही साबित करने का आखिरी मौका दिया और कहा कि अदालत इसके बाद ही अपना अंतिम फैसला देगी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच में पाया है कि बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीएसएससी) द्वारा इन गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अवैध रूप से नियुक्त किया गया था।

न्यायमूर्ति बिस्वजीत बसु की एकल न्यायाधीश वाली पीठ ने कहा कि इस मामले की फिर से और अंत में 24 जनवरी को सुनवाई होगी और उस समय तक इन 1,698 कर्मचारियों को अदालत में अपने तर्क पेश करने होंगे, जिसके बाद वह अपना फैसला सुनाएंगे।

इससे पहले दिन में, न्यायमूर्ति बसु इन अवैध रूप से भर्ती किए गए गैर-शिक्षण कर्मचारियों के खिलाफ गुरुवार को ही कठोर कदम उठाने पर तुले हुए थे और डब्ल्यूबीएसएससीको इन उम्मीदवारों का विवरण दोपहर 3 बजे तक पेश करने का निर्देश दिया था।

उन्होंने कहा, इस तरह की भर्ती अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से छात्रों को पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है। इसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जिन लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया गया है, उन्हें अब अपनी सेवाओं को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्हें स्कूलों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

उनके आदेश के अनुसार, डब्ल्यूबीएसएससी के वकील ने ऐसे 1,698 उम्मीदवारों की सूची प्रस्तुत की, जिन्हें विभिन्न सरकारी स्कूलों में ग्रुप-डी पदों के लिए भर्ती किया गया था।

हालांकि, राज्य सरकार के वकील ने न्यायमूर्ति बसु से उनके रुख पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया, जिसमें दावा किया गया है कि यदि इन सभी 1,698 उम्मीदवारों की सेवाएं समाप्त कर दी जाती हैं, तो कई स्कूलों का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगा, क्योंकि पीरियड की घंटी बजाने वाला या स्कूल के गेट को बंद करने और खोलने वाला कोई नहीं होगा।

इसके बाद न्यायमूर्ति बसु ने अपना रुख नरम किया और सवालों के घेरे में आए उम्मीदवारों से कहा कि वे सुनवाई की अगली तारीख 24 जनवरी तक अपनी दलीलें अपनी पीठ को सौंप दें।उन्होंने कहा, जब देश की न्याय व्यवस्था ने अजमल कसाब को अपनी बात रखने का मौका दिया तो इन 1,698 उम्मीदवारों को भी ऐसा ही मौका मिलना चाहिए।

 

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Created On :   22 Dec 2022 11:00 PM IST

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