ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले कांग्रेस के निशाने पर श्रीमंत के करीबी नेता, इस रणनीति से जारी है जड़ें कमजोर करने की कोशिश!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की नजर भाजपा से नाराज चल रहे नेताओं पर है। कांग्रेस लगातार इन नेताओं को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है। साथ ही पार्टी का फोकस केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से नाराज चल रहे परिवारों पर भी हैं। राज्य में एक के बाद एक भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल होते जा रहे हैं। जिससे बीजेपी खेमे में चिंता की लकीरें खींच गई हैं।
साल के नवंबर माह तक होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस लगातार अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई है। इसकी धमक ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में हुई सियासी उथल पुथल से सुनाई देना शुरू हो गई है। जब 22 मार्च को अशोकनगर जिले में भाजपा की ओर से तीन बार विधायक रहे राव देशराज सिंह यादव के बेटे राव यादवेंद्र सिंह यादव कांग्रेस में शामिल हो गए। बता दें कि, इस क्षेत्र में यादव परिवार भाजपा के पुराने सर्मथक थे। लेकिन अब वह कांग्रेस के लिए अपने क्षेत्र में प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
नेताओं के जाने से बीजेपी खेमे में परेशानी
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, परिवार का दबदबा खासतौर से अशोकनगर जिले की मुंगावली सीट पर है। एक मीडिया रिपोर्ट अनुसार, कांग्रेस के सूत्रों ने बताया है कि पार्टी यादवेंद्र सिंह को मुंगावली सीट से उतारने पर विचार कर रही है। मालूम हो कि, इस सीट से सिंधिया के करीबी और प्रदेश सरकार में मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव विधायक हैं। राज्य में कांग्रेस लगातार सिंधिया के करीबी नेताओं को कमजोर करने की कोशिश में जुटी हुई है।
यह पहला ऐसा मौका नहीं जब राज्य में कांग्रेस ने बीजेपी इस तरह का झटका दिया है। इससे पहले भी कांग्रेस ने भाजपा सांसद केपी यादव के भाई अजय यादव को अपने पाले में शामिल कर लिया था। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इन्हें अशोकनगर या शिवपुरी जिले के यादव बहुल सीट से मैदान में उतारा सकती है। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई है। वे लगातार इस क्षेत्र के नेताओं के साथ संपर्क बनाए हुए हैं।
राज्य में बीजेपी की मुश्किलें
हाल ही में भाजपा को बड़वानी क्षेत्र में तब बड़ा झटका लगा जब पार्टी के बार-बार मनाने के बावजूद भी पूर्व सांसद माखनसिंह सोलंकी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। खबर है कि, भाजपा ने राज्य सरकार में मंत्री कमल पटेल के जरिए इस दल बदल को रोकने की कोशिश की। लेकिन माना जा रहा है, तब तक काफी देर हो चुकी थी।
कांग्रेस नेताओं के हवाले से खबर है कि पार्टी आगे भी इसी तरह बीजेपी से जुड़े पुराने परिवारों को अपने पाले में करने की कोशिश करती रहेगी। वे इसके पीछे की बड़ी वजह सिंधिया वफादारों के बीजेपी में बढ़ते प्रभाव को बता रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में खबर है कि राज्य में ऐसे ही बीजेपी के कई बड़े परिवार कांग्रेस की रडार पर हैं।
Created On :   3 April 2023 4:06 PM IST