आखिर किसके कहने पर लालू ने राबड़ी को बनाया था मुख्यमंत्री?
डिजिटल डेस्क, पटना। लालू प्रसाद यादव का नाम जब चारा घोटाला में सामने आया था, तब तत्कालीन बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। तब बिहार की सियासत में अटकलें लगनी शुरू हो गई थी कि बिहार लालू की गद्दी पर कौन बैठेगा।
बताया जाता है कि उस दौरान बिहार की सियासत में भूचाल सी आ गई थी। लेकिन राजनीतिक खिलाड़ी लालू ने समझदारी दिखाते हुए जेल जाने से पहले ही अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बना दिया था। बताया जाता है कि ये फैसला लालू ने बिहार की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले राधानंदन झा के कहने पर लिया था। इस तरह से लालू ने जेल में रहकर भी बिहार की सत्ता पर काबिज रहे।
जानिए पूरा मामला
दरअसल, बात साल 1996 की है, जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। जब चारा घोटालें में नाम आने के बाद लालू का जेल जाना तय हो गया था, तब राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई थी और ये कयास लगाए जाने लगे कि लालू की राजनीति का अंत हो जाएगा। लेकिन लालू यादव के संकटमोचक कहे जाने वाले राधानंदन झा ने उन्हें ऐसा उपाय सुझाया जिससे की बिहार में राजद की सत्ता बनी रहे।
राधानंदन झा ने ही लालू यादव के यह सलाह दी थी कि खुद मुख्यमंत्री पद से इस्तिफा दे दो और राबड़ी देवी को बिहार का सीएम बना दो। लालू ने इनकी बात मानते हुए अपनी पत्नी राबड़ी को बिहार का मुख्यमंत्री बना दिया। राबड़ी देवी पहली अनपढ़ महिला थी, जो बिहार की मुख्यमंत्री बनी थीं।
कौन है राधानंदन झा?
राधानंदन झा कांग्रेस के नेता थे। 1980 से लेकर 1985 तक बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे है। हालांकि, कांग्रेसी होने की बावजूद वे लालू के काफी करीबी माने जाते थे। इनके कहने पर ही कांग्रेस ने राबड़ी देवी को समर्थन दिया था। साल 2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के सही समीकरण कर राजद की सरकार बनवाई थी।
लालू जब भी मुश्किल में होते थे तो राधानंदन झा के पास ही जाते थे और झा उन्हें सही रास्ता भी सुझाते थे। इस कारण राधानंदन झा को लालू यादव का गुरू माना जाता था। अपने इसी प्रेम के कारण जहां लालू खुद रहते थे, वहीं उसी सड़क पर स्थित सरकारी बंगला राधानंदन झा को आंवटित कर देते थे।
Created On :   11 July 2022 3:46 PM GMT