चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव 2024: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, 'आप' कैंडिडेट कुलदीप कुमार ही होंगे चंडीगढ़ के मेयर
- रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुए धांधली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव का विजेता घोषित किया। चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है। बता दें कि, चंडीगढ़ के मेयर चुनाव हुए धांधली मामले में मंगलवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुए वोटों की गिनती दोबारा करने को कहा।
8 वोट सही और आप नेता के पक्ष में
चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने मंगलवार को बैलेट पेपर्स जांच की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के पीठ ने कहा कि जिन 8 वोटों को अवैध घोषित किया गया था, वह 'आप' कैडिडेट कुलदीप कुमार के पक्ष में पड़ा था। इसके बाद आम आदमी पार्टी के मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया। अदालत ने मेयर चुनाव में पड़े वोटों की गिनती को फिर से करने को कहा। साथ ही, जिन 8 वोटों को निवार्चन अधिकारी ने खारिज कर दिया था, वह सही माना गया।
वोटों की गिनती होगी दोबारा- सुप्रीम कोर्ट
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने वकीलों और पर्यवेक्षकों को बैलेट पेपर दिखाकर कहा कि जिन 8 बैलेट पेपर्स को अवैध घोषित किया गया था, उसमें सभी वोट कुलदीप कुमार के पक्ष में पड़े थे।
कोर्ट ने अनिल मसीह को लगाई फटकार
अदालत ने साफ कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने बैलेट पेपर्स पर लाइन खींच दिया था। अदालत ने अधिकारी अनिल मसीह से पूछा कि जब कोई गड़बड़ी नहीं थी तो फिर आपने इन्हें अवैध घोषित क्यों किया? इस पर अनिल मसीह के वकील ने कहा कि वोटिंग के दौरान माहौल खराब हो गया था। अनिल मसीह को लगा कि शायद ये लोग बैलेट पेपर्स के साथ गड़बड़ी कर रहे हैं और ये लोग बैलेट पेपर्स को लेकर भागने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद अनिल मसीह ने बैलेट पेपर्स छीनकर उस पर क्रॉस का निशान बना दिया।
अनिल मसीह के वकील के जवाब से अदालत संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने वोटों की गिनती दोबारा करना को कहा। बता दें कि, हाल ही में 'आप' के तीन पार्षद बीजेपी का दामन थामे थे। अगर वोटों की गिनती दोबारा होती तो बीजेपी का पार्षद मेयर की रेस में आगे निकल सकता था। लेकिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन 8 वोटों को सही माना , जिन्हें अधिकारी ने अवैध करार दिया था। इसके बाद फिर से वोटों की गिनती हुई और 'आप' के मेयर कैंडिडेट को जीत मिली।
जानें पूरा मामला
गौरतलब है कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था। जिसमें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की ओर से धांधली का आरोप लगाया गया था। इस मामले को लेकर आप नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन कोर्ट में सुनवाई से ठीक पहले रविवार को बीजेपी के पार्षद मनोज सोनकर ने मेयर पद से इस्तीफा दे दिया था।
इससे पहले 5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में चंडीगढ़ मेयर चुनाव में निर्वाचन अधिकारी की तरफ से धांधली के आरोप पर चर्चा हुई थी। इस दौरान सीजेआई को चुनाव का एक वीडियो दिखाया गया था। वीडियो देखने के बाद सीजेआई ने कहा कि अधिकारी मतपत्र कैसे खराब कर सकता है? उस पर मुकदमा चलना चाहिए।
गौरतलब है कि 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव का एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें मेयर इलेक्शन के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह मतगणना कर रहे हैं। आप-कांग्रेस गठबंधन के नेताओं का आरोप हैं कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह गलत तरीके से मतगणना की है।
5 फरवरी को मतपत्र और मतदान का वीडियो हाई कोर्ट को सौंप दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्वाचन अधिकारी को पेश होने को कहा। सोमवार अधिकारी अनिल मसीह को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि आपकों बैलेट पेपर्स पर निशान लागने का अधिकार किसने दिया था।
5 फरवरी को AAP पार्षद की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को मतगणना के दौरान का सीसीटीवी फुटेज सौंपा था। जिसको देखने के बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या हुई है। क्या यह एक रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है, जो कैमरे की ओर देखकर बैलेट को अव्यवस्थित यानी बिगाड़ रहे हैं। सजा मिलनी चाहिए।
Created On :   20 Feb 2024 11:10 AM GMT