यूपी की '80' सीट जीतने के लिए बीजेपी ने बनाया 'मास्टर प्लान'? विरोधियों को चित करने के लिए दिल्ली में बुना जा रहा जाल!
- 80 सीट जीतने का लक्ष्य पूरा कर पाएगी बीजेपी?
- बीजेपी के 25 से 30 फीसदी सांसदों का कट सकता है टिकट
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी कमर कसती हुई दिखाई दे रही है। इसी को देखते हुए मई के महीने से भाजपा महाजनसंपर्क अभियान चला रही है। जिसमें पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता जनता से संपर्क साध मोदी सरकार के नौ साल में किए गए कार्यों को गिना रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को अपने पाले में लाया जा सके। महाजनसंपर्क अभियान 30 मई से 30 जून तक रखा गया था लेकिन यूपी के सांसदों की निष्क्रियता की वजह से इसकी तारीख 18 जुलाई तक टाल दी गई थी। अब इसी मामले से जुड़ी एक खबर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी गुप्त तरीके से यूपी के सभी सांसदों का रिपोर्ट तैयार करा रही है ताकि कौन-कौन सांसद अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं। खबरें ये भी हैं कि, साल 2024 के आम चुनाव में बीजेपी 25 से 30 फीसदी तक यूपी के सांसदों की छंटाई करने वाली है ताकि पार्टी के प्रति लोगों में विश्वास बना रहे।
बीजेपी के सर्वे के मुताबिक, 25 से 30 फीसदी सांसदों की वजह से ही 18 दिन के लिए महाजनसंपर्क यात्रा को बढ़ना पड़ा। जिसके बाद अब इन नेताओं के टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है। जानकारी के मुताबिक, महाजनसंपर्क अभियान की देख रेख कर रहे भगवा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने 30 जून को वर्चुअल मीटिंग की थी। जिसमें उन्होंने यूपी के बीजेपी सांसदों के कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे। जिसके बाद से ही महाजनसंपर्क अभियान के तय समय सीमा को बढ़ा दिया गया था ताकि जो पार्टी ने लक्ष्य रखा है उसको हासिल किया जा सके।
बीजेपी सांसदों का कटेगा पता
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने इस बार यूपी के सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए रणनीति बना रही है। उसी के तहत जो सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में सक्रिय नहीं हैं या उनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है। उन सभी सांसदों का पता काट, किसी नए चेहरे को टिकट दिया जा सकता है ताकि पार्टी के लिए वो जीत हासिल कर सके। इसके अलावा पार्टी 25 से 30 फीसदी सांसदों पर टिकट कटाने का तलवार लटका रही है। साथ ही उन प्रत्याशियों पर भी खतरा मंडरा रहा है जो साल 2019 के चुनाव में विपक्षी दलों के उम्मीदवारों से हार गए थे। उन्हें भी पार्टी टिकट देने के मुड में नहीं है। जिसका कारण उनकी निष्क्रियता बताया जा रहा है। बीजेपी के सर्वे में पाया गया है कि हारे हुए प्रत्याशी और वर्तमान में 25-30 फीसदी सांसद सक्रिय नहीं हैं जिनका खामियाजा पार्टी को आगामी चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। पार्टी हाईकमान की ये रिपोर्ट यूपी के भाजपा अध्यक्ष और महामंत्री संगठन तक पहुंच चुकी है। जिस पर प्रदेश भाजपा अपनी पैनी नजर बनाई हुई है।
80 सीटों पर जीत का लक्ष्य
यूपी के 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखने वाली बीजेपी प्रत्येक सीट के लिए सर्वे करा रही है ताकि आम चुनाव से पहले सारी तैयारियां पूरी कर ली जाए। कहा जा रहा है कि बीजेपी के दो सीटों पर खास नजर है जहां उसने दोनों लोकसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाई थी। पहला मैनपुरी और दूसरा रायबरेली की सीट। यह दोनों सीट हमेशा से यादव और गांधी परिवार का गढ़ रहा है। जिस पर बीजेपी कमल खिलाने के लिए रणनीति बना रही है। लेकिन इन सबसे से इतर बीजेपी को पता है कि अगर 80 के 80 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करना है तो पहले उम्मीदवारों का ठीक से चयन करना होगा तभी जीत का सेहरा सिर पर सजेगा।
साल 2019 का क्या रहा गणित?
साल 2019 में बीजेपी ने यूपी के 80 लोकसभा सीटों में से 62 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि मायावती की पार्टी बसपा ने 10 सीटों पर अपना झंडा बुलंद किया था। समाजवादी पार्टी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, कांग्रेस पार्टी की स्थिति बेहद ही खराब रही थी। कांग्रेस महज रायबरेली की सीट पर ही जीत हासिल कर पाई थी। रायबरेली से मौजूदा समय में सोनिया गांधी सांसद हैं।
Created On :   11 July 2023 12:01 PM IST