बैठक: मणिपुर मामले को लेकर अमित शाह ने की हाई लेवल मीटिंग, सुरक्षा हालातों पर भी की चर्चा

मणिपुर मामले को लेकर अमित शाह ने की हाई लेवल मीटिंग, सुरक्षा हालातों पर भी की चर्चा
  • जल्द मणिपुर में शांति बाहाल हो सकती है
  • मणिपुर मामले को लेकर लगातार हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं अमित शाह
  • शांति नहीं कायम होने पर मोहन भागवत ने जताई थी चिंता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के पूर्वोतर राज्य मणिपुर को लेकर सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक की। उनकी यह बैठक मोहन भागवत के बयान के बाद हुई है। राज्य में एक साल से जातीय हिंसा का माहौल बना हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समग्र समीक्षा की और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मणिपुर में हिंसा की कोई और घटना न हो। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी और राज्य में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए केंद्रीय बलों को रणनीतिक रूप से तैनात किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए: गृह मंत्रालय

बता दें कि, रविवार को मणिपुर के अनुसूइया उइके ने अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। अधिकारियों के मुताबिक, केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में एक उच्च-स्तरीय बैठक की। माना जा रहा है कि अब जल्द मणिपुर में शांति बाहाल हो सकती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो प्रमुख तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख (पदनाम) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, थ्री कोर के GOC एचएस साही, मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी, मणिपुर के DGP राजीव सिंह और असम राइफल्स के DG प्रदीप चंद्रन नायर शामिल हुए।

मोहन भागवत के बयान का असर!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में मणिपुर हिंसा के एक साल पूरे होने पर शांति नहीं कायम होने पर चिंता जताई थी। भागवत ने नागपुर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है।दस साल पहले मणिपुर में शांति थी. ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है.’’

मोहन भागवत ने आगे कहा, ‘‘मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा। चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। अशांति या तो भड़की या भड़काई गई, लेकिन मणिपुर जल रहा है और लोग इसकी तपिश का सामना कर रहे हैं।"

Created On :   17 Jun 2024 9:48 PM IST

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