भागवत की सीख: सबको अपना मानें, कटुता ठीक नहीं, चुनाव आ रहे हैं, जीभ पर संयम रखें- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

सबको अपना मानें, कटुता ठीक नहीं, चुनाव आ रहे हैं, जीभ पर संयम रखें- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
  • लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आरएसएस प्रमुख का आया बड़ा बयान
  • सबको सम्मान और मिल जुलकर रहें- आरएसएस सुप्रीमो

डिजिटल डेस्क, नागपुर, रघुनाथसिंह। उकसावे की राजनीति से बचने का आवाहन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एकजुटता का आवाहन किया है। हिंदू-मुस्लिम एकता की वकालत करते हुए सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने कहा है-कोई अपने ही देश में कैसे पराया हो सकता है। वैचारिक कट्‌टरता नहीं होना चाहिए। कटुता के कारण किसी को बस्ती में रहने के लिए घर तक नहीं दिया जाता है। ठंडे दिमाग से सोचें। 2024 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए सरसंघचालक ने कहा- चुनाव आ रहे है। समाज को उकसाने के प्रयास होंगे। राजनीति में स्पर्धा चलती है। लेकिन किसी भी बहकावे में न आए। जीभ पर संयम रखे। यह भी कहा कि समाज को उकसाने के प्रयास किसी एक की ओर से ही नहीं होते हैँ। हिंदुत्व के अभिमानियों को तो कटुता से सदैव दूर रहना होगा। मंगलवार को रेशमबाग मैदान में संघ के विजयादशमी उत्सव में सरसंघचालक बोल रहे थे। संगीतकार शंकर महादेवन प्रमुख अतिथि थे।

विक्टिमहुड की मानसिकता

हिंसा व उपद्रव की घटनाओं का जिक्र करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि यह नहीं मानना कि लड़ाई चल रही थी और अब सीजफायर हो गया है। अविवेक, असंतुलन नहीं होना चाहिए। अपना दिमाग ठंडा रखकर सबको अपना मानकर चलना पड़ेगा। यह मानसिकता सही नहीं है कि उनकी वजह से हमें नहीं मिल रहा है या उनकी वजह से हम पर अन्याय हो रहा है। विक्टिमहुड की मानसिकता से काम नहीं चलेगा। कोई विक्टिम नहीं है। मुझे किसी बस्ती में घर नहीं मिलता, इसलिए अपनी बस्ती में ही रहना होता है।

मणिपुर में अशांति

सरसंघचालक डॉ.भागवत ने कहा कि देश में ही कुछ तत्व है जो देश को ऊंचा उठते नहीं देखना चाहते हैं। ये लोग वैचारिक आवरण ओढ़कर समाज को बहकाने व उकसाने का काम करते हैँ। मणिपुर में अशांति के लिए कौन जिम्मेदार है?लगभग एक दशक से शांत मणिपुर में अचानक आपसी फूट की आग कैसे लग गई?क्या हिंसा करनेवाले लोगों में सीमापार के अतिवादी भी थे। मणिपुरी मैतेयी समाज और कुकी समाज के आपसी संघर्ष को सांप्रदायिक रुप देने का प्रयास क्यों और किसके द्वारा हुआ? शांति का प्रयास देश की सरकार ने किया। गृहमंत्री मणिपुर गए थे। 9 वर्ष से शांति की स्थिति को बरकरार रखना चाहनेवाली राज्य होकर भी यह हिंसा क्यो भड़की और चलती रही?

केंद्र सरकार की प्रशंसा

सरसंघचालक ने केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा- हमारे नेतृत्व के कारण देश का गौरव बढ़ा है। जी 20 परिषद के माध्यम से भारत ने वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया है। स्टार्टअप क्रांति हुई है। एशियाड खेल में भारत ने गौरवपूर्ण स्थान पाया है। भारत की राजनीतिक कुशलता दुनिया देख रही है। संविधान की मूल प्रति के एक पृष्ठ पर जिनका चित्र अंकित है, ऐसे धर्म के मूर्तिमान प्रतीक श्रीराम के बालक रुप का मंदिर अयोध्या जी में बन रहा है। अगले साल 22 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। श्रीराम अपने देश के आचरण की मर्यादा के प्रतीक हैं। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, महानगर संघचालक राजेश लोया, सहसंघचालक श्रीधर गाडगे मंच पर थे। दर्शकों में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित अन्य गणमान्य थे।

अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बने-महादेवन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए प्रमुख अतिथि शंकर महादेवन ने कहा-अपने काम में देश प्रेम होना चाहिए। किसी भी क्षेत्र में कार्य करें लेकिन देश सेवा में योगदान देते रहे। अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनें। देश की अखंडता के लिए संघ संगठन कार्य कर रहा है। हमारा देश अगर एक गीत है तो संघ के स्वयंसेवक उसके सरगम है। अपने गीत संगीत के जिक्र करते हुए महादेवन ने कहा-मैँ कला के माध्यम से भारतीय संस्कृति से युवाओं को जोड़ने का प्रयास कर रहा हूं।

Created On :   25 Oct 2023 4:21 PM IST

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