यूसीसी के नियमों से बाहर: उत्तराखंड में यूसीसी से आएंगे काफी बदलाव, लेकिन इन लोगों पर नहीं होगा इसका असर, जानें कौन है यूसीसी के नियमों से मुक्त?
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- उत्तराखंड में यूसीसी लागू
- संविधान के अनुच्छेद-342 में अनुसूचित जनजाति बाहर
- इन पर नहीं होगा असर
यूसीसी के क्या हैं प्रावधान?
यूनिफॉर्म सिविल कोड के तहत कई अन्य भी प्रावधान किए गए हैं। जिसमें सभी जाति धर्म के लोगों के लिए संपत्ति में बराबर के हक का भी प्रावधान किया गया है। जहां सब लोग इस कानून के दायरे में आ रहे हैं तो, वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसके दायरे से बिल्कुल बाहर हैं। तो चलिए जानते हैं कि, किन लोगों को इस कानून के दायरे में नहीं रखा गया है।
ये हैं यूसीसी कानून से बाहर
उत्तराखंड में यूसीसी हिंदू, मुस्लिम के साथ अन्य धर्मों पर भी एक तरह से ही लागू होगा। लेकिन संविधान के अनुच्छेद-342 में वर्णित अनुसूचित जनजातियों को यूसीसी से बाहर रखा गया है। जिसका मतलब है कि, इन पर यूसीसी के किसी भी तरह के प्रावधान लागू नहीं होंगे। इसके अलावा ट्रांसजेंडर समुदाय को भी इससे बाहर रखा गया है।
क्यों नहीं किया है इनको यूसीसी में शामिल?
उत्तराखंड में पांच जनजातियां अधिसूचित हैं, जिनकी जनसंख्या करीब 2 लाख 90 हजार है। इन जनजातियों के साथ ही ट्रांसजेंडरों की संस्कृति और उनकी परंपराओं को संभाल कर रखने के लिए ही इनको यूसीसी कानून से दूर रखा गया है। यूसीसी ड्राफ्ट समिति ने इन जनजातियों की पहचान, पिछड़ेपन और अन्य रीति-रिवाजों के संरक्षण के लिए यूसीसी के दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की थी।
देशभर में लागू होंगे प्रावधान?
सिर्फ उत्तराखंड में नहीं बल्कि पूरे देश में भी यूसीसी लागू होने के बाद भी अनुसूचित जनजातियों को इससे बाहर ही रखा जाएगा। बता दें, केंद्र की भाजपा सरकार पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की जोरशोर से वकालत कर रही है। हालांकि, गृहमंत्री अमित शाह ने खुद ये कहा है कि यूसीसी प्रावधान अनुसूचित जातियों पर लागू नहीं होगा।
Created On :   27 Jan 2025 6:02 PM IST