उत्तराखंड: सरकार से कंपेन्सेटरी अफोरेस्टेशन फंड के दुरुपयोग पर सुको ने मांगा जवाब

सरकार से कंपेन्सेटरी अफोरेस्टेशन फंड के दुरुपयोग पर सुको ने मांगा जवाब
  • पर्यावरण निधि का हो रहा दुरुपयोग- सीएजी
  • मुख्य सचिव दायर करें हलफनामा- सुको
  • संतोषजनक जवाब न मिलने पर मुख्य सचिव को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने आज बुधवार को उत्तराखंड सरकार से कंपेन्सेटरी अफोरेस्टेशन फंड के दुरुपयोग पर जवाब मांगा है। मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने फंड का यूज आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज और भवनों की मरम्मत जैसी सामग्री को खरीदने में किया है, जो कि फंड के उद्देश्यों के खिलाफ है।

सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार, सीएएमपीए फंड का इस्तेमाल पौधरोपण और वन संरक्षण के लिए किया जाना चाहिए था, लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे अनुचित तरीके से खर्च किया। खर्चों में व्यक्तिगत खर्च, कोर्ट मामला लड़ने और ऑफिस की मरम्मत पर। इसके अलावा, सरकार पर 2019-2022 के बीच रु 275.34 करोड़ का ब्याज नहीं जमा करने का भी आरोप है, जिसे बार-बार सीएएमपीए अधिकारियों ने मांगा था।

टॉप कोर्ट ने मामले को चिंता व्यक्त करते हुए मामले को गंभीर बताया। शीर्ष कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव से इस पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि अगर 19 मार्च तक संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो मुख्य सचिव को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। यह केस 1995 में दायर एक जनहित याचिका 'टीएन गोदावर्मन थिरुमुलपाद बनाम भारत संघ' से जुड़ा हुआ है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और वन की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

Created On :   5 March 2025 7:50 PM IST

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