राउत का बड़ा दावा: 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल क्यों लाया गया? शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने बताई वजह, BJP पर भी लगाए गंभीर आरोप
- संजय राउत ने किया 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का विरोध
- बीजेपी करती है काले धन का प्रयोग- शिवसेना-यूबीटी नेता
- JPC के पास भेजा गया विधेयक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में कल (17 दिसंबर) 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को लेकर वोटिंग हुई। जिसमें विधेयक के पक्ष में 269 और विरोध में 198 वोट आए। बिल, जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के पास भेज दिया गया। जिसके बाद से ही विपक्षी दल उबलने लगे और भारतीय जनता पार्टी को खूब खरी-खोटी सुनाई। इस कड़ी में शिवसेना (यूबीटी) के सीनियर नेता संजय राउत ने बुधवार (18 दिसंबर) को सत्ताधारी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव में सबसे ज्यादा पैसा खर्च करती है जो कि कालाधन है।
हमने किया बिल का विरोध- संजय राउत
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, "हमने 'वन नेशन, वन इसेक्शन' बिल का विरोध किया है। देश का जो फेडरल स्ट्रक्चर है उसको खत्म करने की कोशिश की जा रही है। यह बिल इसलिए आया है ताकि एक व्यक्ति के हाथ में राज्या और देश की सत्ता रहे। साउत ने आगे कहा कि- जिस व्यक्ति के लिए इस विधेयक को लाया जा रहा है वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगा।"
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राउत ने उठाए सवाल
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने सवाल खड़े किए कि भारतीय जनता पार्टी के बैंक के खाते में दस हजार करोड़ रुपये कहां से आए? पहले इसका हिसाब दीजिए फिर खर्चे की बात करिए। चुनाव में सबसे ज्यादा खर्चा बीजेपी करती है और वह पैसा भी काला बाजार से आता है।
टीएमसी का विरोध
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' बिल पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा था- यह संविधान के मूल ढांचे पर प्रहार करता है। यह अनुच्छेद 83 उप-अनुच्छेद 2(1) के विपरीत है। तीसरा, राज्य विधानसभा केंद्रीय संसद के वांछित सिद्धांत पर निर्भर करेगी। जब भी संसद भंग होगी, तब सभी राज्यों में चुनाव होने होंगे। राज्य विधानसभा और राज्य सरकार संसद और केंद्र सरकार के अधीन नहीं हैं। उनके अपने-अपने अधिकार क्षेत्र हैं। इसके लागू होने के बाद, यदि कोई राज्य सरकार विफल हो जाती है, तो उस राज्य के लिए शेष अवधि के लिए एक और चुनाव कराना होगा। यह एक राष्ट्र, एक चुनाव कैसे जीत सकता है? वे संवैधानिक ढांचे को बदलना चाहते हैं। यह देश में राष्ट्रपति शासन प्रणाली लाने की कोशिश कर रहा है।
Created On :   18 Dec 2024 2:57 PM IST