विवादित बयान पर तंज!: दिग्विजय सिंह ने निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट वाले बयान पर दी प्रतिक्रिया, कहा- मंत्री बनने के लिए हिंदू-मुस्लिम करने की कोशिश कर रहे

दिग्विजय सिंह ने निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट वाले बयान पर दी प्रतिक्रिया, कहा- मंत्री बनने के लिए हिंदू-मुस्लिम करने की कोशिश कर रहे
  • दिग्विजय ने निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट वाले बयान पर दी प्रतिक्रिया
  • कहा- मंत्री बनने के लिए हिंदू-मुस्लिम करने की कोशिश कर रहे
  • निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की मांग तेज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "निशिकांत दुबे के बयान पर खुद भाजपा ने कहा है कि ये उनकी अपनी राय है और हम इसमें शामिल नहीं हैं। अगर कोई भाजपा नेता, सांसद CJI पर ऐसा बयान देता है और अगर भाजपा ईमानदार है तो उसे तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं? क्योंकि वे इसमें शामिल हैं। मैं सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करूंगा कि क्या ये कोर्ट की अवमानना ​​नहीं है? उनके खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए अवमानना ​​का मामला दर्ज होना चाहिए। निशिकांत दुबे मंत्री बनने के लिए हिंदू-मुस्लिम करने की कोशिश कर रहे हैं।"

सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस पर निशिकांत दुबे के विवादित बयान दिया था। उसको लेकर ही अब अवमानना की कार्रवाई की मांगें हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने ऑन रिकॉर्ड ने अटॉर्नी जनरल को चिट्ठी लिखी थी और अवमानना के मुकदमे की मांग की है।

कैसे हो सकती है अवमानना की कार्रवाई शुरू

कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट एक्ट, 1971 की धारा 15(1)(b) और अवमानना के मामलों के लिए सुप्रीम कोर्ट के 1975 में बने नियमों में से नियम 3(c) के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की सहमति के बाद से ही सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू की जा सकती है। ऐसे में वकील अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी को पत्र लिखा है और निशिकांत दुबे के बयान के बारे में पूरी जानकारी दी है।

क्या लिखा था पत्र में?

मिली जानकारी के मुताबिक, पत्र में बताया गया है कि निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर संसद के काम में अतिक्रमण का आरोप लगाया है और सुप्रीम कोर्ट पर अराजकता फैलाने का भी आरोप लगाया है। एडवोकेट ने पत्र में लिखा कि, 'संविधान में सुप्रीम कोर्ट को दायित्व दिया गया है कि वो किसी भी कानून की संवैधानिकता की जांच करे। निशिकांत दुबे बातों को गलत तरह से रखकर सुप्रीम कोर्ट को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।' इसके अलावा भी एडवोकेट ने कहा है कि निशिकांतदुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर मंदिरों के मामले में कागज मांगने और मस्जिदों को छूट देने का आरोप लगाया है।

अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग

चिट्ठी में ये भी कहा है कि, निशिकांत दुबे ने जस्टिस संजीव खन्ना का नाम लेकर उन्हें देश में सिविल वॉर के लिए जिम्मेदार भी ठहराया है। इस तरह के सभी वक्तव्य कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट एक्ट की धारा 2(c)(i) के तहत सुप्रीम कोर्ट की अवमानना हैं। इसलिए ही अटॉर्नी जनरल ने निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दें।

Created On :   20 April 2025 10:37 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story