रणजीत सिंह हत्याकांड: बाबा राम रहीम को हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, रणजीत सिंह हत्याकांड में हुए बरी

बाबा राम रहीम को हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, रणजीत सिंह हत्याकांड में हुए बरी
  • राम रहीम को हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत
  • कोर्ट ने रणजीत सिंह हत्याकांड में किया बरी
  • सीबीआई कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर से सुर्खियों में है। चर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड के आरोपी गुरमीत राम रहीम को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को हाई कोर्ट ने राम रहीम समेत पांच आरोपियों को हत्या के आरोप से बरी कर दिया है। इससे पहले मामले में राम रहीम समेत पांच आरोपियों को सीबीआई कोर्ट ने दोषी बताते हुए उम्रकैद की सजी सुनाई थी।

अब से करीब 22 साल पहले 10 जुलाई 2002 को सिरसा डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। पुलिस की ओर से करीब एक साल की जांच के बाद यानी साल 2003 में मामले को सीबीआई के हाथों सौंपा गया था। पड़ताल के बाद सीबीआई कोर्ट इस नतीजे पर पहुंची की राम रहीम समेत पांच लोग इस हत्याकांड में शामिल थे। इसके बाद सीबीआई कोर्ट ने पांचों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। गुरमीत राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के इस फैसले को हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

शक के कारण कर दी थी हत्या

सीबीआई के जांच के मुताबिक, हरियाणा के कुरुक्षेत्र का रहने वाला रणजीत सिंह सिरसा डेरा का प्रबंधक था। एक शक के कारण रणजीत की आज से 22 साल पहले 10 जुलाई 2002 को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी

दरअसल, एक साधवी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को एक चीट्ठी लिख कर राम रहीम के खिलाफ जांच की मांग रखी थी। डेरा प्रमुख को डर था कि इस चिट्ठी के बाहर आने से उसकी सच्चाई सामने आ जाएगी कि वह अपने महिला अनुयायियों के साथ यौन शोषण करता है। हत्या के आरोपियों को शक था कि रणजीत सिंह के पास वह गुमनाम पत्र मौजूद है और वह पत्र रणजीत ने अपनी बहन से लिखवाई है।

यह वही चिट्ठी थी जिसका जिक्र पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने सांध्य कालीन समाचार पत्र 'पूरा सच' में किया था। इसी वजह से 24 अक्टूबर 2002 को उन्हें भी गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। इस हत्याकांड में बाबा राम रहीम आरोपी थे।

बेटे के याचिका पर कोर्ट ने सीबीआई को सौंपा केस

पुलिस की जांच से संतुष्ट न होने पर रणजीत के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग रखी। अदालत ने जगसीर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए केस सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। सीबीआई जांच में राम रहीम समेत पांच लोगों पर केस दर्ज हुआ। इनमें आरोपी अवतार सिंह, कृष्णलाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह शामिल हैं। शुरुआत में डेरा प्रमुख का नाम इस मामले में नहीं जुड़ा था। लेकिन साल 2006 में उनके ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर राम रहीम का नाम भी इस केस में जुड़ गया था।

साल 2021 में सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम समेत पांच आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके अलावा साध्वी यौन शोषन मामले में भी राम रहीम को 20 सालों की सजा हुई थी। इस वक्त राम रहीम रोहतक के सुनारिया जेल में अपनी सजा काट रहे हैं।

Created On :   28 May 2024 1:45 PM IST

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