एयरफोर्स के लापता AN-32 एयरक्राफ्ट का मिला मलबा, 8 दिनों से जारी था सर्च ऑपरेशन
- IAF के लापता हुए विमान AN-32 के कुछ हिस्से अरुणाचल प्रदेश में लिपो के उत्तर में मिले हैं
- एयरफोर्स के Mi-17 हेलीकॉप्टर को सर्च के दौरान ये मलबा दिखाई दिया
- पिछले नौ दिनों से वायुसेना इलाके में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स के लापता हुए विमान AN-32 के कुछ हिस्से मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में लिपो के उत्तर में मिले हैं। एयरफोर्स के Mi-17 हेलीकॉप्टर को सर्च के दौरान ये मलबा दिखाई दिया। पिछले 8 दिनों से वायुसेना इलाके में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी। ये विमान 3 जून से उड़ान भरने के बाद लापता हो गया था। विमान में क्रू मेंबर सहित 13 लोग सवार थे।
Visual of the wreckage of the missing AN-32 spotted earlier today 16 Kms North of Lipo, North East of Tato, at an approximate elevation of 12000 ft, in Arunachal Pradesh by the IAF Mi-17 Helicopter undertaking search in the expanded search zone pic.twitter.com/8ASt4uZXdE
— ANI (@ANI) June 11, 2019
क्या कहा एयरफोर्स ने?
भारतीय वायुसेना ने कहा कि लापता AN-32 एयरक्राफ्ट का मलबा अरुणाचल प्रदेश के टाटो इलाके के उत्तरपूर्व में लीपो से 16 किलोमीटर उत्तर में लगभग 12,000 फुट की ऊंचाई पर देखा गया है। अब हेलीकॉप्टर विस्तृत इलाके में तलाश कर रहे हैं। इस मामले से जुड़ी और जानकारी एयरफोर्स रिकवरी एक्शन की प्रोग्रेस के अनुसार देगी। वायुसेना ने शनिवार को AN-32 एयरक्राफ्ट के बारे में सूचना देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की थी।
जोरहाट से भरी थी एयरक्राफ्ट ने उड़ान
AN-32 एयरक्राफ्ट असम के जोरहाट से उड़ान भरने के बाद से लापता था। असम के जोरहाट से 3 जून को 12.25 बजे एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी थी। अरुणाचल प्रदेश के मेचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड पर एयरक्राफ्ट को दोपहर 1.30 बजे लैंड करना था, लेकिन 1 बजे के बाद एयरक्राफ्ट का ग्राउंड एजेंसीज से संपर्क टूट गया। एयरक्राफ्ट में 6 अधिकारी (विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्क्वॉर्डन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग, सुमित मोहंती, आशीष तंवर और राजेश थापा) और 7 अन्य रैंक (अनूप, शारिन, केके मिश्रा, पंकज सांगवान, एसके सिंह, राजेश कुमार और पुतली) सवार थे।
मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड का महत्व
मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले में मेचुका घाटी में स्थित है। यह मैकमोहन लाइन के पास भारत-चीन सीमा के सबसे नज़दीकी लैंडिंग ग्राउंड है। समुद्र तल से लगभग 1830 मीटर की ऊंचाई पर और चीन सीमा के करीब स्थित, मेचुका चीन के साथ 1962 के युद्ध के दौरान कई रणनीतिक स्थानों में से एक था। लंबे समय तक इस साइट का उपयोग नहीं किया गया। साल 2013 में इसे रिकंस्ट्रक्ट करने का निर्णय लिया गया था। IAF वर्क्स विभाग ने 30 महीनों के रिकॉर्ड समय में कार्य पूरा किया था। ईटानगर से सड़क मार्ग से लगभग 500 किलोमीटर दूर, मेचुका चीन सीमा से केवल 29 किलोमीटर दूर है और पहले से ही सीमांत राज्य में एक प्रमुख पर्यटक सर्किट का हिस्सा है।
1984 में IAF में हुआ था शामिल
AN-32 सोवियत एरा का ट्विन-इंजन टर्बोप्रॉप ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है, जिसे पहली बार 1984 में IAF में शामिल किया गया था। आखिरी बार IAF का यह एयरक्राफ्ट 22 जुलाई 2016 को लापता हुआ था, जब अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए इसने चेन्नई से उड़ान भरी थी। यह एयरक्रफ्ट बंगाल की खाड़ी के ऊपर लापता हो गया था। हफ्तों तक सर्च और रेस्क्यू अभियान जारी रहा लेकिन विमान कभी नहीं मिला। इसके बाद विमान में सवार सभी 29 लोगों को डेड मान लिया गया।
Created On :   11 Jun 2019 11:56 AM GMT