डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम इसलिए कहे गए मिसाइल मैन, भारत को दिए ये बड़े योगदान
- आज देश मिसाइल मैन की 91 वीं जयंती मना रहा है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीयों के गौरव और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिन 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज देश मिसाइल मैन की 91 वीं जयंती मना रहा है। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था और 2002 में उन्हें भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडू के धनुषकोडी गॉव में हुआ था। वे बचपन से पढ़ाई में अच्छे थे।
कलाम एक विश्व प्रसिध्द वैज्ञानिक, अभियंता और शिक्षक थे। जो बच्चों को हमेशा आगे बढने की प्रेरणा देते थे। इतना ही नहीं वह अब तक भारत के सबसे पसंदीदा राष्ट्रपति माने जाते हैं। डॉ. कलाम को याद करते हुऐ हर साल उनकी जंयती के दिन विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं उनके भारत के योगदान के बारे में...
क्यों मिला मिसाइल मैन नाम
देश में बैलेस्टिक मिसाइल और टेक्नोलॉजी को सक्सेफुली इंडीपेंडेंट बनाने के बाद APJ अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाना गया। देश में जो मिसाइल पहली बार डेवेलप हुई, वो सिर्फ अब्दुल कलाम की देख रेख में ही हुई। वे भारत के राष्ट्रपति तो रहे ही साथ ही वे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे। उन्होंने भारत में कई अहम योगदान दिए, जिनमें से 6 प्रमुख हैं।
प्रमुख योगदान
1. भारत का पहला स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल
2. बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास
3. पोखरण परमाणु टेस्ट
4. चिकित्सा और स्वास्थ्य में योगदान
5. हल्के लड़ाकू विमान परियोजना
6. हल्के कॉलिपर्स का विकास विकलांगो के लिए
Created On :   15 Oct 2022 11:02 AM GMT