भारत-चीन तनाव के बीच बढ़ेगी इंडियन एयर फोर्स की ताकत, अमेरिकी कंपनी ने सेना को सौंपे अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर
- 22 अपाचे अटैक और 15 चिनूक हेलीकॉप्टर के लिए हुआ था सौदा
- बोइंग ने भारतीय वायुसेना को कहा धन्यवाद और जताई प्रतिबद्धता
- रक्षा मंत्रालय ने सितंबर 2015 में दिया था इस सौदे को अंतिम रूप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लद्दाख में भारत और चीनी सेना के मध्य एलएसी पर चल रहे विवाद के बीच भारतीय वायु सेना की ताकत बढ़ गई है। उसे अमेरिकी एविएशन कंपनी बोइंग ने सभी अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर की डिनीवरी कर दी है। अमेरिकी कंपनी ने भारतीय सेना को वायुसेना के हिंडन एयरबेस पर आज (शुक्रवार, 10 जुलाई) 22 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर में से अंतिम पांच हेलीकॉप्टर सौंपे। इससे पहले बोइंग ने 15 चिनूक हैविलिफ्ट हेलीकॉप्टर में अंतिम पांच मार्च में वायुसेना को सौंपे थे।
बोइंग इंडिया ने एक बयान में कहा कि भारतीय वायुसेना को हमारे साथ भागीदारी करने के लिए धन्यवाद। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने भारत को 22 एएच64-ई अपाचे और 15 चिनूक हेलीकॉप्टर की डिलीवरी पूरी कर दी है। बोइंग डिफेंस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुरेंद्र आहूजा ने बताया कि सैन्य हेलीकॉप्टर की इस डिलीवरी के साथ ही हमने इस साझेदारी को आगे बढ़ाया है। परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए और सही मूल्य व क्षमताएं देने के लिए हम भारतीय रक्षा बलों के साथ काम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
भारत के पास अपाचे का सबसे एडवांस्ड वैरिएंट
भारत अब उन 17 देशों में शामिल हो गया है, जिसके पास अपाचे हेलीकॉप्टर का सबसे एडवांस्ड वैरिएंट AH-64E है। इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल अमेरिका समेत कई अन्य देश करते हैं। यह नवीनतम संचार, नेविगेशन, सेंसर और हथियार प्रणालियों सहित एक ओपन सिस्टम आर्किटेक्चर से लैस है। अपाचे के इस वैरिएंट में कई आधुनिक लक्ष्य प्राप्ति प्रणाली (टार्गेट एक्विजिशन डेसिग्नेशन सिस्टम) है, जो 24 घंटे हर मौसम में लक्ष्य की जानकारी उपलब्ध कराता है। साथ ही यह नाइट विजन (अंधेरे में देख सकने की क्षमता) से भी लैस है। इसके अग्नि नियंत्रण रडार को समुद्री वातावरण में संचालित करने के लिए अपडेट किया गया है।
50 साल से अधिक समय से दुनिया का सबसे विश्वसनीय हेलीकॉप्टर है चिनूक
दुनिया के 24 देशों के पास या तो चिनूक हेलीकॉप्टर सेवा में हैं या फिर उनके लिए सौदा किया गया है। 50 साल से अधिक समय से यह दुनिया का सबसे विश्वसनीय और भरोसेमंद हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर बना हुआ है। इसे कैसी भी जटिल परिस्थितियों में फिर चाहे वह गर्म हो या अधिक ऊंचाई पर हो, संचालित किया जा सकता है। CH-47F (I) चिनूक में एक आधुनिक मशीनी एयरफ्रेम है, एक एवियोनिक्स आर्किटेक्चर प्रणाली (सीएएएस) वाला कॉकपिट और एक डिजिटल ऑटोमैटिक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (DAFCS) है। इन आधुनिक तकनीकों की मदद से भारतीय वायुसेना अभियानों की बढ़ती संख्या को पूरा कर सकने में सक्षम हो सकेगी।
सितंबर 2015 में हुई थी डिफेंस डील
रक्षा मंत्रालय ने सितंबर 2015 में बोइंग के साथ 22 एएच-64ई अपाचे और 15 सीएच -47 एफ (आई) चिनूक हेलीकॉप्टरों के प्रोडक्शन और ट्रेनिंग के लिए सौदा किया था। हैदराबाद में बोइंग कंपनी टाटा के साथ जॉइंट वेंचर टाटा बोईंग एयरोस्पेस लिमिटेड (TBAL) के जरिए अपाचे के एयरोस्ट्रक्चर बनाती है। मौजूदा समय में बोइंग भारत में "मेक इन इंडिया" और "स्किल इंडिया" मुहिम के तहत 200 से अधिक पार्टनरों के साथ मिलकर काम कर रही है।
लद्दाख में एलएसी पर तैनात हैं अपाचे, मिग और चिनूक
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर बीते दिनों तनाव चरम पर रहा है। अब हालांकि, टकराव के बिंदुओं से दोनों देशों की सेनाएं पीछे लौट रही हैं, लेकिन भारत इसे लेकर सतर्क है। इसे लेकर एलएसी पर वायुसेना के हेलीकॉप्टर्स और फाइटर जेट की गश्त भी जारी है। यहां चिनूक, मिग और अपाचे तैनात किए गए हैं।
Created On :   10 July 2020 6:37 PM IST