दो नई कैबिनेट कमेटियों का गठन, आर्थिक विकास-रोजगार पर करेगी फोकस
- एक कमेटी में पांच जबकि दूसरी कमेटी में 10 मेंबर है
- पीएम मोदी की अध्यक्षता में दो नई कैबिनेट समितियों का गठन किया गया
- ये कमेटी आर्थिक विकास
- निवेश और रोजगार बढ़ाने पर फोकस करेगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आर्थिक विकास, निवेश और रोजगार बढ़ाने के लिए अपनी अध्यक्षता में दो नई कैबिनेट समितियों का गठन किया। नई सरकार आने के बाद आए GDP और बेरोजगारी के आंकड़ों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसी को देखते हुए इन दो कमेटियों का गठन किया गया है।
निवेश और विकास संबंधी पांच सदस्यीय कैबिनेट समिति में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन और राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं।
रोजगार और कौशल विकास संबंधी 10 सदस्यीय कैबिनेट समिति में अमित शाह, सीतारमण, गोयल, ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल "निशंक", पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कौशल और उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडे, राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार (श्रम) और हरदीप सिंह पुरी (आवास और शहरी मामले) शामिल है।
अर्थव्यवस्था नई सरकार के लिए चिंता का एक बड़ा कारण बन गया है। NSSO के आंकड़ों के मुताबिक, 2018-19 की आखिरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) गिरकर 5.8 फीसदी पर पहुंच गई है। GDP का पांच साल का यह न्यूनतम स्तर है। इससे पहले GDP का न्यूनतम स्तर 2013-14 में 6.4 प्रतिशत था। 2017-18 के वित्तीय वर्ष में भारत की बेरोजगारी दर भी बढ़कर 6.1% हो गई है।
GDP के आंकड़े 5 साल के न्यूनतम पर पहुंचने के बाद भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भी अपनी जगह खो दी है। चीन अब 6.4 प्रतिशत की GDP के साथ पहले नंबर पर पहुंच गया है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) के आंकड़ों में ये भी सामने आया है कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान भारत की ओवरऑल GDP ग्रोथ 6.8 प्रतिशत रही, जो 7.2 प्रतिशत के अनुमातिक लक्ष्य से कम है।
चुनाव पूर्व लीक रिपोर्ट में अनुमानित बेरोजगारी दर की पुष्टि करते हुए, सरकार ने 31 मई को कहा था कि 2017-18 के दौरान देश में बेरोजगारी कुल लेबर फोर्स की 6.1 प्रतिशत रही, जो 45 वर्षों में सबसे ज्यादा है। श्रम मंत्रालय के अनुसार, सभी एम्पलॉयबल अर्बन यूथ में से 7.8 प्रतिशत बेरोजगार हैं, जबकि ग्रामीण बेरोजगारों का प्रतिशत 5.3 है। ऑल इंडिया बेसिस पर पुरुषो की बेरोजगारी 6.2 प्रतिशत, जबकि महिलाओं के मामले में यह 5.7 प्रतिशत है।
Created On :   5 Jun 2019 12:54 PM GMT