निर्भया कांड के दोषियों को फांसी जल्द, जल्लादों की तलाश शुरू, बक्सर जेल से मंगाई स्पेशल रस्सियां
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया रेप कांड के दोषियों को जल्द ही फांसी दी जा सकती है। दरअसल, तिहाड़ जेल प्रशासन ने पत्र के माध्यम से उत्तर प्रदेश जेल विभाग में जल्लादों की उपलब्धता पर सूचना मांगी थी। इसी वजह से फांसी देने की अटकलें तेज हुई है। इस मामले के चारों दोषियों पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह और विजय ठाकुर को सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है और वह तिहाड़ जेल में बंद है।
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (जेल) आनंद कुमार ने कहा कि जेल विभाग को तिहाड़ से नौ दिसंबर को फैक्स से एक पत्र मिला था। उस पत्र में उत्तर प्रदेश के दो जल्लादों के बारे में जानकारी मांगी गयी थी। उन्होंने कहा कि हमारे पास फांसी देने के लिए मेरठ और लखनऊ जेल में अधिकृत दो जल्लाद उपलब्ध हैं, तिहाड़ जेल को जब भी आवश्यकता होगी, उन्हें दोनों उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
उधर, बिहार की एक जेल ने देश में मौत की सजा पाए दोषियों को फांसी देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विशेष रस्सियों को तैयार करना शुरू कर दिया है। बिहार की इसी जेल से 2013 में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की सजा के लिए भी रस्सियां भेजीं गई थी। फांसी का टेस्ट करने के लिए एक डमी एग्जीक्यूशन भी किया गया है। सभी दोषियों को अलग-अलग सेल में रखा गया है और सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की जा रही है। जेल नंबर 3 में फांसी की व्यवस्था की जा रही है।
तिहाड़ के एक अधिकारी ने कहा, "हमने बक्सर जेल से 10 नई रस्सियों का ऑर्डर दिया है। बक्सर जेल के कैदी इन रस्सियों को बनाते हैं। हमारे पास कुछ पुरानी रस्सियां थीं लेकिन हम एक मौका नहीं लेना चाहते थे।" उन्होंने कहा, "इन रस्सियों को एक विशेष प्रकार का होना चाहिए और फांसी के दौरान टूटना नहीं चाहिए और न ही गले को काटना चाहिए।"
पिछले हफ्ते, दिल्ली सरकार और केंद्र ने दोषियों में से एक विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज कर दिया था और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से आग्रह किया था कि वह भी दया याचिका को खारिज कर दें। एक अन्य दोषी, अक्षय कुमार सिंह ने भी अब एक समीक्षा याचिका दायर की है। 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच याचिका पर सुनवाई की जाएगी। कोर्ट पहले ही विनय कुमार, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता की ऐसी ही याचिकाओं को खारिज कर चुका है।
दिल्ली की छात्रा निर्भया के साथ चलती बस के अंदर सबसे बर्बर तरीके से 16 दिसंबर 2012 को रेप किया गया था। इसके बाद सड़क पर उसे मरने के लिए छोड़ दिया गया था। बाद में उसे सिंगापुर इलाज के लिए भेजा गया लेकिन उसने दम तोड़ दिया। इस मामले ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक जन आक्रोश उत्पन्न किया था और राष्ट्र के मानस में व्यापक प्रभाव डाला था।
Created On :   12 Dec 2019 5:53 PM IST