कॉर्पोरेट गवर्नेस के सिद्धांतों को अपनाने की जरूरत : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह

There is a need to adopt the principles of corporate governance: Union Home and Cooperation Minister Shah
कॉर्पोरेट गवर्नेस के सिद्धांतों को अपनाने की जरूरत : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह
नई दिल्ली कॉर्पोरेट गवर्नेस के सिद्धांतों को अपनाने की जरूरत : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह
हाईलाइट
  • सहकारिता क्षेत्र के सामने सहकार से समृद्धि का लक्ष्य

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा, हम सभी को व्यावसायिकता को स्वीकार करना होगा और सहकारी भावना के साथ कॉर्पोरेट गवर्नेस के सभी सिद्धांतों को अपनाना होगा। उन्होंने यहां सहकारिता नीति पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग सहकारिता मंत्रालय बनाकर सहकारिता क्षेत्र के सामने सहकार से समृद्धि का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने आगे कहा, अगर हम ऐसा करने में सक्षम हैं, तो आने वाले 20-25 वर्षो में हम सहकारी क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं और हम ऐसी स्थिति बना सकते हैं कि देश के विकास में सहकारी क्षेत्र का बड़ा हिस्सा हो। उन्होंने कहा, हमें व्यावसायिकता को स्वीकार करना होगा और सहकारी भावना के साथ कॉर्पोरेट प्रशासन के सभी सिद्धांतों को अपनाना होगा और ग्रामीण विकास के लिए एक आर्थिक मॉडल बनाना और गरीब लोगों को रोजगार प्रदान करना है, ताकि वे एक सम्मानजनक जीवन जी सकें और सहकारी समितियां एक बड़ी भूमिका निभाएं।

उन्होंने यह भी कहा कि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग जो आर्थिक रूप से पिछड़ा है, सहकारिता ही एक ऐसा मॉडल है जो देश के 80 करोड़ लोगों को आर्थिक रूप से समृद्ध बना सकता है। यह बताते हुए कि लाभ का समान वितरण सहकारी समितियों द्वारा ही किया जा सकता है, उन्होंने कहा कि पूरा लाभ हितधारकों को जाता है और प्रबंधन पर खर्च न्यूनतम होता है, यह सहकारी समितियों के माध्यम से ही हो सकता है।

शाह ने यह भी कहा कि हमारे देश में इफको, अमूल जैसे कई मॉडल हैं जिन्होंने कॉर्पोरेट गवर्नेस के नक्शेकदम पर चलते हुए सहकारिता की भावना को भी बरकरार रखा है। शाह ने कहा, आज देश में लगभग 8,55,000 सहकारी समितियां चल रही हैं, 1,77,000 क्रेडिट सोसायटी हैं, अन्य 700,000 सहकारी समितियां हैं, 17 राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संघ हैं, 33 राज्य सहकारी बैंक हैं, 63,000 से अधिक सक्रिय पीएसीएस हैं और अधिक 12 करोड़ से अधिक सदस्य हैं, और आज लगभग 91 प्रतिशत गांवों में सहकारी समितियों की मौजूदगी है।

 

 (आईएएनएस)

Created On :   13 April 2022 1:30 AM IST

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