सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के 12 विधायकों का निलंबन रद्द किया, एमवीए ने दिया नपा-तुला बयान

Supreme Court revokes the suspension of 12 BJP MLAs, MVA gave a measured statement
सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के 12 विधायकों का निलंबन रद्द किया, एमवीए ने दिया नपा-तुला बयान
महाराष्ट्र सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के 12 विधायकों का निलंबन रद्द किया, एमवीए ने दिया नपा-तुला बयान
हाईलाइट
  • बीजेपी में खुशी
  • एमवीए सरकार को कड़ा झटका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा से एक साल के लिए 12 विपक्षी विधायकों के निलंबन को रद्द करने के कुछ घंटों बाद, सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी सरकार ने सतर्क प्रतिक्रिया व्यक्त की, जबकि भारतीय जनता पार्टी के सदस्य खुशी से झूम उठे। सत्तारूढ़ शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस के नेताओं ने निलंबन को विधायिका का निर्णय बताया, जिसके पास कार्रवाई करने की शक्ति है, जबकि भाजपा ने शीर्ष अदालत के फैसले को एमवीए सरकार के लिए एक कड़ा झटका करार दिया।

शिवसेना सांसद और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कहा  महाराष्ट्र विधानमंडल के पास विधायकों को निलंबित करने की शक्ति है या उस मामले के लिए लोकसभा और राज्यसभा भी सांसदों को निलंबित कर सकते हैं, यह उनकी शक्तियों के भीतर है। वरिष्ठ मंत्रियों - राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक - ने कहा कि अब यह अदालत और विधायी निकायों के क्षेत्राधिकार, देश भर की विधायिकाओं और संसद से संबंधित मुद्दा है। मलिक ने कहा, राज्य विधानमंडल सचिवालय उस आदेश का अध्ययन करेगा, जिसके बाद अध्यक्ष मामले में फैसला लेंगे।

कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख व  पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले  ने भी कहा कि विधानमंडल सचिवालय मामले में आगे बढ़ने से पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेगा। राउत ने कहा कि इस मामले में कोई भी निर्णय विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लिया जाएगा, जिन्होंने उस समय अपने कक्ष में हाथापाई के बाद निलंबन पर अपना फैसला सुनाया था। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह उनका (अध्यक्ष का) अधिकार है। कानून और संविधान के अनुसार निर्णय लिए जाते हैं। निलंबित विधायकों और उनकी पार्टी (भाजपा) को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है।

बता दें कि 5 जुलाई, 2021 को, राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान, 12 भाजपा विधायकों को कथित दुर्व्यवहार करने और तत्कालीन पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के लिए अपमानजनक भाषा का उपयोग करने पर निलंबित कर दिया गया था। सदन में ओबीसी कोटा के मुद्दे पर एक चर्चा के दौरान यह घटनाक्रम हुआ था।

दर्जन भर विपक्षी विधायकों को निलंबित करने के कदम ने बड़े पैमाने पर हंगामा कर दिया था और पार्टी निलंबन को रद्द करने के लिए बार-बार एमवीए के साथ इस मुद्दे को उठाती रही है। इन विधायकों में आशीष शेलार, जयकुमार रावल, अतुल भटकलकर, पराग अलवानी, गिरीश महाजन, योगेश सागर, राम सतपुते, संजय कुटे, अभिमन्यु पवार, शिरीष पिंपल, नारायण कुचे और कीर्तिकुमार बगड़िया शामिल हैं। बाद में भाजपा के मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) शेलार ने इस मामले में शीर्ष अदालत का रुख किया।

 

(आईएएनएस)

Created On :   28 Jan 2022 9:00 PM IST

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