फंसे हुए नागरिकों को हवाई हमलों के प्रति चेताया, कुछ रूसी वाक्यांश सीखने को कहा

Stranded civilians warned against air strikes, asked to learn some Russian phrases
फंसे हुए नागरिकों को हवाई हमलों के प्रति चेताया, कुछ रूसी वाक्यांश सीखने को कहा
भारत फंसे हुए नागरिकों को हवाई हमलों के प्रति चेताया, कुछ रूसी वाक्यांश सीखने को कहा
हाईलाइट
  • भारत ने फंसे हुए नागरिकों को हवाई हमलों के प्रति चेताया
  • कुछ रूसी वाक्यांश सीखने को कहा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों, खासकर खार्किव में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए हवाई हमले और ड्रोन हमलों की चेतावनी देते हुए उनके जीवित रहने के दिशा-निर्देश जारी किए। मंत्रालय ने फंसे हुए भारतीय नागरिकों को रूसी भाषा में कुछ वाक्य सीखने के लिए भी कहा, जैसे लोगों को यह बताना कि वे भारत के छात्र हैं।

मंत्रालय ने यूक्रेन के खार्किव में भारतीय नागरिकों के लिए संभावित खतरे और कठिन परिस्थितियों के प्रति सचेत किया और सलाह दी कि कुछ रूसी वाक्य सीख लें।यहां रूसी में वाक्य हैं : या स्टुडेंट इज इंडी (मैं भारत से आया छात्र हूं), या नेकोम्बैटेंट (मैं एक गैर-लड़ाकू हूं), पझालुस्ता पमागाइट (कृपया, मेरी मदद करें)।

मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस द्वारा तैयार की गई यह एडवाइजरी हवाई हमले, मिसाइल हमले, तोपखाने की गोलाबारी, छोटे हथियारों और गोलियों की बौछार, ग्रेनेड विस्फोट और स्थानीय लोगों/मिलिशिया सहित मोलोटोव कॉकटेल के बारे में चेतावनी देती है।

इसने इमारत ढहने, मलबा गिरने, इंटरनेट जाम होने, बिजली और भोजन और पानी की कमी, ठंड के संपर्क में आने, मनोवैज्ञानिक आघात, घबराहट की भावना, चोटों और चिकित्सा सहायता की कमी के साथ-साथ परिवहन की कमी की भी चेतावनी दी।गोल नियम और करने के लिए चीजें प्रदान करते हुए इसने नागरिकों को साथी भारतीयों के साथ जानकारी संकलित करने और साझा करने, मानसिक रूप से मजबूत रहने और घबराने के लिए नहीं कहा।

मंत्रालय की सलाह में कहा गया है, अपने आप को दस भारतीय छात्रों के छोटे समूहों/ दस्तों में व्यवस्थित करें/उसके भीतर एक दोस्त/जोड़ी प्रणाली का आयोजन करें/दस व्यक्तियों के प्रत्येक समूह में एक समन्वयक और एक उप समन्वयक को नामित करें।मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने, भारत में अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर और संपर्क संकलित करने और दूतावास या नई दिल्ली में नियंत्रण कक्ष के साथ व्हाट्सएप पर जियोलोकेशन साझा करने के लिए कहा।

इसने हर आठ घंटे में जानकारी अपडेट करने, हर आठ घंटे में लगातार हेड काउंट रखने और समूह और दस्ते के समन्वयकों को अपने स्थान की रिपोर्ट कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबरों को करने के लिए कहा। एडवाइजरी में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि उन्हें हर समय अपने बंकर, बेसमेंट या शेल्टर से बाहर निकलने से बचना चाहिए।

 

(आईएएनएस)

Created On :   3 March 2022 6:30 PM GMT

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