सोनिया गांधी का बड़ा ऐलान- कांग्रेस उठाएगी घर लौट रहे मजदूरों के रेल टिकट का पूरा खर्च
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच देश में आज (सोमवार) से लॉकडाउन का तीसरा फेज शुरू हो गया है। लॉकडाउन की वजह से जो मजदूर लंबे वक्त से फंसे हुए थे। उन्हें घर जाने की इजाजत मिली, तो केंद्र सरकार ने रेल किराए का सारा खर्च मजदूरों से वसूलने का फैसला लिया। इस पर बयानबाजी तेज हो गई है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत कांग्रेस पार्टी सभी जरूरतमंद मजदूरों के रेल टिकट का खर्च उठाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बयान में कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी।
कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी का बयान
— Congress (@INCIndia) May 4, 2020
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। pic.twitter.com/DWo3VZtns0
श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी
कांग्रेस अध्यक्ष ने बयान जारी करते हुए कहा कि श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है। सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाऊन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए। 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर हो गए। उन्होंने कहा कि मजदूरों में न राशन, न पैसा, न दवाई और न साधन, केवल अपने परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन है। उनकी व्यथा सोचकर ही हर मन कांपा और फिर उनके दृढ़ निश्चय और संकल्प को हर भारतीय ने सराहा भी।
सरकार पर साधा निशाना
सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं। श्रमिक व कामगार राष्ट्रनिर्माण के दूत हैं। जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब हम गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपए ट्रांसपोर्ट व भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रु. दे सकता है, तो फिर तरक्की के इन ध्वजवाहकों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?"
Created On :   4 May 2020 11:00 AM IST