सोनिया गांधी से मिले शरद पवार, महाराष्ट्र सरकार गठन पर नहीं हुई चर्चा
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी इस पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने नई दिल्ली में उनके आवास पर पहुंचे। दोनों के बीच करीब 50 मिनट तक महाराष्ट्र की राजनीति पर तो बातचीत हुई, लेकिन सरकार के गठन पर किसी तरह की कोई चर्चा नहीं हुई।
इससे पहले माना जा रहा था कि दोनों नेताओं के बीच सरकार गठन को लेकर बातचीत हो सकती है। दरअसल, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की चाह में भाजपा से नाता तोड़ कांग्रेस और एनसीपी की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया है। अब सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन देने से पहले कांग्रेस और एनसीपी में लगातार विचार-विमर्श हो रहा है।
सोनिया के साथ बैठक के बाद शरद पवार ने कहा, "हमने महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। मैंने सोनिया जी को इस पर जानकारी दी। एके एंटनी भी बैठक में मौजूद थे।"
शरद पवार से जब पूछा गया कि क्या शिवसेना के साथ गठबंधन में सरकार बनाने का सोनिया गांधी ने विरोध किया? इस पर पवार ने कहा, "हमारी बैठक में सरकार गठन की कोई बात नहीं हुई, यह बैठक सिर्फ कांग्रेस और एनसीपी के मुद्दों पर चर्चा के लिए थी।"
Sharad Pawar on if Sonia Gandhi is opposed to forming Govt in alliance with Shiv Sena: There was no talk of Govt formation in our meeting, this meeting was all about discussing Congress and NCP. https://t.co/26TnM7lhRf pic.twitter.com/rghFDkuc6A
— ANI (@ANI) November 18, 2019
शिवसेना के 170 विधायकों के समर्थन के दावे पर शरद पवार ने कहा, "मुझे इस 170 के आंकड़े के बारे में जानकारी नहीं है। आपको उनसे (शिवसेना) पूछना चाहिए।"
बता दें कि 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाने के बाद से सरकार बनाने को लेकर माथापच्ची की जा रही है। चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं।
शिवसेना और भाजपा ने 288 सदस्यीय विधानसभा की 161 सीटों पर जीत हासिल कर 145 के बहुमत के आंकड़े को आसानी से पार कर लिया है, लेकिन दोनों के बीच सीएम पद को लेकर सहमति नहीं बन पाई।
इसके बाद बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इस्तीफा सौंपने के बाद फडणवीस ने दावा किया था कि शिवसेना को कभी भी ढाई साल के लिए सीएम पद देने का वादा नहीं किया गया। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरने ने फडणवीस के बयान को झूठा बताया था। ठाकरे ने कहा था, सबको पता है झूठ कौन बोल रहा है।
शिवसेना का दावा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उनके और भाजपा के बीच आपसी सहमति से 50-50 फॉर्मूला तय किया गया था। जिसके मुताबिक दोनों पार्टियों को प्रदेश में ढाई-ढाई साल तक अपनी सरकार चलानी थी। शिवसेना का आरोप है कि भाजपा दोनों पार्टियों के बीच हुए इस फैसले से मुकर रही है।
Created On :   18 Nov 2019 5:29 PM IST