सीरम इंस्टीट्यूट ने नोवावैक्स की कोविड-19 वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू किया, भारत में कोवोवैक्स के नाम से जाना जाएगा
- नोवावैक्स की विकसित कोविड-19 वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू
- भारत में इस वैक्सीन को कोवोवैक्स के नाम से जाना जाएगा
- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इसे नया मील का पत्थर बताया
डिजिटल डेस्क, पुणे। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने नोवावैक्स की विकसित कोविड-19 वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। शुक्रवार को कंपनी ने इसकी जानकारी दी और इसे नया मील का पत्थर बताया। अमेरिकी बायोटेक्नोलॉजी फर्म नोवावैक्स, इंक द्वारा विकसित, रिकॉम्बीनेंट नैनोपार्टिकल प्रोटीन बेस्ड वैक्सीन NVX-CoV2373 को भारत में कोवोवैक्स के नाम से जाना जाएगा। नोवावैक्स की ये वैक्सीन दो डोज वाली है। इसे रेफ्रिजरेटर के तापमान पर स्टोर किया जा सकता है।
बीते दिनों नोवावैक्स ने उसके कोविड-19 वैक्सीन के 90 प्रतिशत असरदार होने की घोषणा की थी। लेट-स्टेज क्लिनिकल ट्रायल में ये डेटा सामने आया था। फेज़ 3 ट्रायल में अमेरिका और मैक्सिको में 119 साइटों पर लगभग 30,000 प्रतिभागियों को इनरोल किया गया था। नोवावैक्स की रिकॉम्बीनेंट प्रोटीन बेस्ड वैक्सीन NVX-CoV2373 ने कोविड-19 के मॉडरेट और गंभीर मामलों के खिलाफ 100% सुरक्षा प्रदान की। इसकी ओवरऑल एफिकेसी 90.4% प्रतिशत है।
नोवावैक्स की स्टडी में अमेरिका और मेक्सिको में 18 वर्ष और इससे अधिक उम्र के करीब 30,000 लोग शामिल थे। उनमें से दो तिहाई को तीन हफ्तों के अंतराल पर वैक्सीन की दो खुराकें दी गईं जबकि शेष को अप्रभावी (डमी) टीका दिया गया। कोविड-19 के 77 मामले आए, जिनमें से 14 उस ग्रुप से थे जिन्हें वैक्सीन दी गई जबकि शेष मामले उनमें थे जिन्हें डमी वैक्सीन दी गई थी। वैक्सीन लगवाने वाले ग्रुप में किसी की भी बीमारी मॉडरेट या सीवियर लेवल पर नहीं पहुंची।
नोवावैक्स ने कहा कि वह एडिशनल डेटा के उपलब्ध होने के बाद फेज़ 3 के ट्रायल रिजल्ट की और डिटेल शेयर करेगा। इस ट्रायल का एनालिसिस अभी भी किया जा रहा है इसे पब्लिश करने के लिए जर्नल्स को सबमिट किया जाएगा। नोवावैक्स ने अभी तक यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से NVX-CoV2373 के लिए ऑथोराइजेशन का अनुरोध नहीं किया है। मैरीलैंड स्थित कंपनी 2021 की तीसरी तिमाही में रेगुलेटरी ऑथोराइजेशन के लिए फाइल करने का सोच रही है।
Created On :   25 Jun 2021 5:27 PM IST