Parliament: मॉनसून सत्र में प्रश्न काल की वापसी, महज 30 मिनट का मिलेगा समय, सिर्फ अतारांकित प्रश्न लिए जाएंगे
- बदलाव के साथ होगा मानसून सत्र
- सोशल डिस्टेसिंग का करना होगा पालन
- विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछे जाने का अधिकार खोने की बात कही
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच संसद में 14 सितंबर से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र को लेकर मचे सियासी घमासान के बाद प्रश्नकाल को मंजूरी दे दी गई है। संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल रद्द करने के सरकार के फैसले पर विपक्ष के कड़े विरोध के बाद सरकार सीमित प्रश्नकाल कराने पर सहमत हो गई है। सरकार ने इसके लिए 30 मिनट का समय तय किया है। इस दौरान सिर्फ आंतरिक प्रश्न (ऐसे सवाल जिनके सिर्फ लिखित जवाब मांगे गए हों) ही पूछे जाएंगे।
संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने बुधवार को कहा था, "मैंने प्रश्न काल को 30 मिनट तक रखने के लिए लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा सभापति को सुझाव दिया है। वे इस पर अंतिम फैसला करेंगे। सरकार हर मुद्दे पर फैसला लेने के लिए तैयार है। हमने स्पीकर से भी अतारांकित प्रश्नों को लेने की गुजारिश की है।" अब लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा सभापति ने संसदीय कार्य मंत्री के सुझाव को स्वीकार कर लिया है।
प्रश्न काल को लेकर छिड़ा सियासी घमासान
बता दें कि इससे पहले संसद के मॉनसून सत्र में प्रश्न काल को लेकर सियासी घमासान छिड़ा था। इसमें दैनिक कार्यवाही की सूची से प्रश्न काल को बाहर करने पर विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर आरोप लगाया था कि लोकतंत्र और विपक्ष को कुचला जा रहा है। विवाद में बाद अब मॉनसून सत्र की कार्यवाही में प्रश्न काल को भी शामिल कर लिया गया है। हालांकि, यह सिर्फ आधे घंटे का होगा।
विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछे जाने का अधिकार खोने की बात कही
उल्लेखनीय है कि बुधवार को, लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों की तरफ से सूचित किया गया था कि संसद के मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा। कोविड-19 की वजह से इस बार दोनों सदनों में शून्यकाल प्रतिबंधित होगा। विपक्षी सांसदों ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि वे सरकार पर सवाल उठाने का अधिकार खो देंगे।
बदलाव के साथ होगा मानसून सत्र
मानसून सत्र 14 सितंबर से 1 अक्तूबर तक चलेगा। कोरोना के कारण दो पाली सुबह 9 से 1 बजे और दोपहर 3 से 7 बजे शाम तक संसद चलेगी। सुबह की पाली में राज्यसभा और दूसरी पाली में लोकसभा की कार्यवाही होगी। पूरे सत्र में कोई छुट्टी नहीं होगी।
क्या होता है प्रश्नकाल?
प्रश्नकाल के दौरान सदन के सदस्य (जनता का प्रतिनिधि) प्रशासन और सरकारी गतिविधि के हर पहलू पर प्रश्न पूछ सकते हैं। राष्ट्रीय के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में सरकार की नीतियों पर भी चर्चा होती है क्योंकि सदस्य प्रश्नकाल के दौरान प्रासंगिक जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं।
क्या हैं तारांकित और अतारांकित प्रश्न
तारांकित प्रश्न वह होता है जिसका सदस्य सदन में मौखिक उत्तर चाहता है। इन प्रश्नों पर पहचान के लिए तारांक यानी स्टार मार्क बना रहता है। तारांकित प्रश्न का जवाब मौखिक होता है लिहाजा उस पर संबंधित सदस्य अनुपूरक प्रश्न भी पूछ सकता है। मौखिक उत्तर के लिए एक दिन में सिर्फ 20 प्रश्नों को सूचीबद्ध किया जा सकता है।
अतारांकित प्रश्न वह होता है जिसका सदन में मौखिक उत्तर नहीं दिया जाता। इस पर अनुपूरक प्रश्न भी नहीं पूछे जा सकते। अतारांकित प्रश्नों का संबंधित मंत्री लिखित जवाब देते है। उस लिखित जवाब को सदन की उस दिन की कार्यवाही रिपोर्ट में शामिल कर लिया जाता है। लिखित उत्तर के लिए एक दिन में 230 प्रश्नों को ही सूचीबद्ध किया जा सकता है।
Created On :   3 Sept 2020 8:26 PM GMT