अब कोरोना के हर वेरिएंट को मात दें पाएंगे ओमिक्रॉन को हराने वाले, अध्ययन में हुआ खुलासा 

Now those who defeat Omicron will be able to beat every variant of Corona, study revealed
अब कोरोना के हर वेरिएंट को मात दें पाएंगे ओमिक्रॉन को हराने वाले, अध्ययन में हुआ खुलासा 
कोविड-19 अब कोरोना के हर वेरिएंट को मात दें पाएंगे ओमिक्रॉन को हराने वाले, अध्ययन में हुआ खुलासा 
हाईलाइट
  • ओमिक्रॉन संक्रमण की वजह से अच्छी इम्युनिटी विकसित हुई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्वभर में ओमिक्रॉन के केस में आये दिन बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। चीन के साथ अब उत्तरी कोरिया में भी यह तेजी से फैल रहा है। चीन में कोरोना के इस वैरिएंट के कारण बीते 6 हफ्तों से लॉकडाउन लगा हुआ है। हर तरफ से बुरी खबर देने वाले ओमिक्रॉन को लेकर एक अच्छी खबर भी सामने आई है।

दरअसल, बीर बायोटेक्नोलॉजी इंक और वाशिंगटन रिसर्च के संयुक्त अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन के अनुसार, जिन कोरोना संक्रमितों को वैक्सीन की दोनों या तीनों डोज लग चुके हैं उनमें ओमिक्रॉन संक्रमण की वजह से अच्छी इम्युनिटी विकसित हुई है। मतलब वे लोग जिन्हें वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं और अगर इसके बाद वह ओमिक्रॉन से पीड़ित हो गए तो उन्हें बूस्टर डोज की आवाश्यकता नही होगी।   

जानिए क्या कहती है स्टडी?

कोरोना वैक्सीन निर्माता कंपनी बायोएनटेक एसई और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी की दो टीमों ने हाल ही में अपनी प्रीप्रिंट सर्वर बायोरेक्सिव पर अपनी स्टडी के नतीजे जारी किए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार बायोएनटेक की टीम ने कहा कि, ‘इस स्टडी के आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि लोगों को ओमिक्रॉन एडॉप्टेड बूस्टर शॉट दिया जाना चाहिए।’ इस स्टडी में कहा गया है कि ओमिक्रॉन के लिए बना बूस्टर शॉट ओरिजिनल वैक्सीन के साथ बने कई टीकों की तुलना में ज्यादा फायदेमंद होता है।

 इस स्टडी में सर्वप्रथम उन लोगों के खून के सेंपल को देखा, जो कोरोना संक्रमित थे और जिन्होंने संक्रमित होने के बाद वैक्सीन की दो या फिर तीन डोज ली थीं। इसके बाद उन लोगों के खून का सेंपल भी लिया जिन्हें वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना ने अपना शिकार बना लिया। वाशिंगटन रिसर्च और वीर बायोटेक्नोलॉजी की इस संयुक्त स्टडी में इम्युनिटी सिस्टम के एक और पहलू पर फोकस किया और वो पहलू है “बी सेल्स”। बी सेल्स एक तरह की श्वेत रक्त कणिकाएं होती हैं जो रोगजनक की पहचान करने पर एंटीबॉडी बनाती हैं और संक्रमण से लड़ने में शरीर की सहायता करती हैं। 

बायोएनटेक की टीम ने अपनी स्टडी में पाया कि जिन लोगों को ओमिक्रॉन संक्रमण हुआ था उन्हें इन बी सेल्स कोशिकाओं से उन लोगों के मुकाबले ज्यादा अच्छी प्रतिक्रिया मिली जिन लोगों ने बूस्टर डोज लिया था।  हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आने वाले समय के कोरोना वैरिएंटस के म्युटेशन ओमिक्रॉन की तरह हल्के होंगे और महामारी की भविष्यवाणी करना कठिन है, वो इसलिए क्योंकि एक तो वायरस को स्वयं म्यूटेट करता है साथ ही आबादी में प्रतिरक्षा पर निर्भर करता है। 


 

Created On :   16 May 2022 8:08 PM IST

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