अब दो महीने बाद होगी राजद्रोह कानून की सुनवाई, तब तक कोई सरकार नहीं कर सकेगी नया केस दर्ज
- सरकार कर रही है समीक्षा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंग्रेजों के जमाने से बने राजद्रोह कानून पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई करते हुए कहा है कि जब तक इस कानून पर हम सुनवाई कर रहे है तब तक सरकार किसी भी तरह से राजद्रोह के मामले में कोई नया मामला दर्ज न करें। उच्चतम न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे सप्ताह में करने को कहा। आपको बता दें सीजेआई के अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा है कि दुरूपयोग और गलत इरादे के चलते इस कानून पर जल्द से जल्द बैन करने की जरूरत है, जबकि केंद्र सरकार ने अदालत से कहा है सरकार राजद्रोह कानून की धारा 124 ए की वैधता पर फिर से विचार करेगी। कानून की समीक्षा होने तक इसकी सुनवाई पर रोक लगाएं।
सुको ने सरकार को निर्देशित करते हुए कहा है कि जो भी देश में अभी तक राजद्रोह के पेंडिंग मामले है उन पर बनी स्थिति को बरकरार रखा जाए। अदालत ने नागरिक अधिकारों की रक्षा की बात करते हुए कहा कि जो धारा 124 ए के तहत मुकदमे चल रहे है और अभी जेल में बंद है वो अपनी जमानत की सुनवाई के लिए कोर्ट जा सकते है।
काफी पुराने इस कानून की संवैधानिकता वैधता को चुनौती मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से एसजी तुषार मेहता ने कहा है कि हमने कानून की समीक्षा करने के लिए राज्यों को निर्देश जारी किए हैं और उनसे सलाह मशविरा करने और मसौदा तैयार करने को कहा है।
एसजी ने कोर्ट में कहा हालफिलहाल इस कानून पर रोक नहीं लगाई जाएगी और जिला स्तर के अधिकारी की अनुमति के बाद ही इस एक्ट के तहर केस दर्ज होगा। साथ ही केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि प्रकरण दर्ज करने वाले अधिकारी को पर्याप्त कारण भी बताने होगे।
Created On :   11 May 2022 12:45 PM IST