मुंबई के मशहूर डब्बावालों ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर जताया शोक
- आत्मा को शांति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को निधन हो गया। महारानी के निधन के बाद देश और दुनिया में शोक की लहर है। इस कड़ी में मुंबई के प्रसिद्ध डब्बावाला (टिफिन-कैरियर) कम्युनिटी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
नूतन मुंबई टिफिन बॉक्स सप्लायर्स एसोसिएशन चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष उल्हास मुके ने कहा कि मुंबई के डब्बावालों का ब्रिटेन के शाही परिवार के साथ घनिष्ठ संबंध है। मुके ने कहा, हम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बारे में सुनकर बेहद दुखी हैं। कल रात जब डब्बावालों ने इस खबर को सुना तो विश्वास नहीं हुआ। हम सभी प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति मिले।
एनएमटीबीएसएसीटी के प्रवक्ता रितेश शांताराम आंद्रे ने आईएएनएस को बताया कि शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश होने के कारण डब्बावालों ने उत्तरी मुंबई के बोरीवली रेलवे स्टेशन पर महारानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। साल 2003 में प्रिंस ऑफ वेल्स के किंग चार्ल्स भारत दौरे पर आए थे और उनके साथ बातचीत की थी, तब से डब्बावालों का ब्रिटिश राजघराने के साथ घनिष्ठ संबंध है।
वह उनके काम और समर्पण से काफी प्रभावित हुए, बाद में ब्रिटिश शाही परिवार ने डब्बावालों को अप्रैल 2005 में प्रिंस चार्ल्स और कैमिला की शादी में आमंत्रित किया था। दो डब्बावालों के नेता रघुनाथ मेडगे और सोपान मारे शाही शादी में शामिल हुए थे। दुनिया भर के अन्य वीवीआईपी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए थे।
शादी में, डब्बावालों ने प्रिंस चार्ल्स को एक कुर्ता सेट और उनकी पत्नी कैमिला को एक साड़ी के साथ-साथ एक ट्रेडमार्क डब्बा (टिफिन) भी भेंट किया था। अप्रैल 2016 में, ड्यूक एंड डचेस ऑफ कैम्ब्रिज प्रिंस विलियम और केट मिडलटन की पहली यात्रा के दौरान, मुंबई के डब्बावालों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
उस समय, डब्बावालों ने डचेस को एक प्रतिष्ठित पैठानी साड़ी, जिसे महाराष्ट्रीयन दुल्हन के लिए एक शुभ उपहार माना जाता था और एक फेता (सिर पर पहनने वाला), भगवान विठोबा और उनकी पत्नी रुक्मिणी की एक तस्वीर भेंट कीं थी। बाद में, मई 2018 में, प्रिंस हैरी और मेघन मार्कल की शादी के दौरान, डब्बावालों ने दूल्हे के लिए एक पारंपरिक फेता (पगड़ी) का उपहार और उनकी दुल्हन के लिए एक विशेष लहंगा भेजा।
मई 2019 में, एक अन्य मौके पर, मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन ने प्रिंस हैरी और मेघन मार्कल के बेटे प्रिंस आर्ची को चांदी के आभूषणों का एक विशेष सेट भेंट किया था। एमडीए के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने आईएएनएस को बताया, हमें ऐसा लगता है जैसे हम सब अजोबा (दादा) बन गए हैं। हमने उन्हें चांदी का कमरपट्टा (कमर पर बांधने वाला बैंड) , तोड़ा (कलाई पर बांधने वाला बैंड) और वाला (पैरों में पहनने वाली चीज) को उपहार में दिया है।
उन्होंने कहा कि किंग चार्ल्स द्वारा उन्हें दिए गए सम्मान और उनके विनम्र व्यापार के कारण उनकी 132 वर्षीय जनजाति ने वैश्विक प्रसिद्धि और प्रशंसा प्राप्त की। इसके लिए वह हमेशा आभारी हैं। डब्बावाले संगठन की शुरुआत 1890 में हुई थी। अपनी प्रतिष्ठित पोशाक एक सफेद कुर्ता, पायजामा और टोपी में तुरंत पहचाने जाने वाले डब्बावाले अपने कंधों पर लाखों लोगों का खाना पहुंचाने का काम करते हैं। इनके संगठन में लगभग 5 हजार कर्मचारी हैं, जो 2 लाख से ज्यादा टिफिन पहुंचाते हैं।
आईएएनएस
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Created On :   9 Sept 2022 1:30 PM IST