सरकार की पहल से कई वंचित वर्ग अनजान

Many deprived sections are unaware of the governments initiative
सरकार की पहल से कई वंचित वर्ग अनजान
राष्ट्रपति सरकार की पहल से कई वंचित वर्ग अनजान
हाईलाइट
  • एसी-एसटी की मदद कर अंबेडकर को दे सकते हैं सच्ची श्रद्धांजलि
  • सरकार के योजनाओं का वंचित वर्ग के लोगों पता नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि सरकार की योजनाओं से वंचित वर्गो के कई लोगों को उनके अधिकारों और उनके कल्याण के लिए सरकार की पहल के बारे में पता नहीं है, यह एससी और एसटी विधायकों और सांसदों के मंच की जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे वर्गो को उनके अधिकारों और सरकार की पहल के बारे में जागरूक किया जाए। एससी और एसटी विधायकों, सांसदों और डॉ. अंबेडकर चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा यहां पांचवां अंतर्राष्ट्रीय अंबेडकर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का राष्ट्रपति ने उद्घाटन करते हुए कहा, उनकी भी जिम्मेदारी है कि वे भी अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को आगे ले जाएं। उनकी मदद करने से वे भी डॉ. अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।

राष्ट्रपति भवन से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति को यह जानकर भी खुशी हुई कि यह सम्मेलन संवैधानिक अधिकारों के मुद्दे के साथ-साथ शिक्षा, उद्यमिता, नवाचार और आर्थिक विकास पर केंद्रित है। कोविंद ने मंच की सराहना करते हुए कहा कि यह लगातार सामाजिक और आर्थिक न्याय के मुद्दों को उजागर कर रहा है और डॉ. अंबेडकर के विचारों और विचारों को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि बाबासाहेब समाज की नैतिक चेतना को जगाने के पक्षधर थे।

कोविंद ने कहा, बाबा साहेब कहते थे कि अधिकारों की रक्षा केवल कानूनों से नहीं की जा सकती, बल्कि समाज में नैतिक और सामाजिक चेतना का होना भी जरूरी है। उन्होंने हमेशा अहिंसक और संवैधानिक साधनों पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के हितों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। संविधान का अनुच्छेद 46 कहता है कि राज्य अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के शैक्षिक और आर्थिक हितों का विकास करेगा। साथ ही इस लेख में राज्य को सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से बचाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा, इन दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए कई संस्थान और प्रक्रियाएं बनाई गई हैं। काफी सुधार हुए हैं। लेकिन, हमारे देश और समाज को अभी बहुत कुछ करना बाकी है।

(आईएएनएस)

Created On :   2 Dec 2021 8:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story